कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी भी बनेगा टाइगर रिजर्व, चेनारी वन्य क्षेत्र में दिखा बाघ

फाइल फोटो: कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में काला हिरन

अब रोहतास एवं कैमूर जिले के कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी क्षेत्र को भी टाइगर रिजर्व घोषित किया जा सकता है. इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गयी है. अभी हाल ही में रोहतास जिले के चेनारी के औरैंया, भुड़कुड़ा एवं दुर्गावती जलाशय वाले इलाके में पहाड़ी पर नर बाघ के पदचिन्ह देखे गए है. सभी जगह पर पंजे के निशान एक हीं तरह के हैं. जबकि चेनारी वन्य क्षेत्र में बाघ को देखा भी गया है. रोहतास वन विभाग इस बाघ की ट्रैकिंग की जा रही है.

कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में मिला बाघ का पदमार्क

बता दें कि 4 नवंबर को तिलौथू क्षेत्र में पहली बार इस बाघ का मल प्राप्त हुआ था. जिसके बाद बाघ के मल को देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया के लेबोरेटरी में जाँच के लिए भेजा गया था. जांच के बाद रोहतास वन प्रमंडल के पास आई रिपोर्ट में मल के 6 डीएनए से पता चला कि वह मल बाघ का था. कयास लगाये जा रहे है कि बाघ मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ एवं संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व से कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी में पहुंचा था.

वहीं गुजरात के गाँधीनगर में आयोजित 13वां कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज यानी कॉप-13 में बिहार पवेलियन में कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी को डिस्प्ले लगाया गया है. कॉन्फ्रेंस में कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी की राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) सहित देश-विदेश से आयें वन्यजीवों एवं प्रवासी पक्षिओं के एक्सपर्ट ने सराहना की. कॉन्फ्रेंस में एनटीसीए ने कहा कि कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व के लिए सुरक्षित क्षेत्र है. एनटीसीए द्वारा राज्य सरकार को कैमूर टाइगर रिजर्व के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा गया है. जिस प्रस्ताव पर एनटीसीए विचार कर कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व घोषित कर सकती है.

गुजरात में आयोजित 13वां कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज में लगा कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी को डिस्प्ले

रोहतास वन प्रमंडल द्वारा कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में मौजूद जानवरों की संख्या की जानकारी सहित अन्य आंकड़े जुटाये जा रहे हैं. ये आंकड़े राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनसीटीए) को भेजे जायेंगे. सभी तथ्यों को अनुकूल पाये जाने और उस पर केंद्र सरकार की सहमति के बाद इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया जायेगा. ऐसा होने पर यह क्षेत्र भी इको टूरिज्म के तौर पर विकसित हो सकेगा. बता दें कि कैमूर वन्य क्षेत्र का इलाका करीब 1800 वर्ग किमी में फैला है. यहां तेंदुआ सहित अन्य जानवर पाये गये हैं. इस वन क्षेत्र की पहुंच छोटानागपुर की पहाड़ी और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके तक है. इस कारण यह वन्यप्राणियों के लिए बहुत बड़ा इलाका है.

रोहतास डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया ने कि चार नवंबर को तिलौथू क्षेत्र से बाघ का मल प्राप्त हुआ था. जिसे देहरादून के लेबोरेटरी में जाँच के बाद पुष्टि की गयी. जिसके बाद से बाघ की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है. चेनारी वन क्षेत्र में भी उस बाघ के पदचिन्ह एवं वृक्षों पर निशान प्राप्त हुआ है. पदचिन्ह से पता चला कि बाघ नर है. उन्होंने कहा कि कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी के जीव-जंतुओं को सुरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है तथा जंगल पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि जब अन्य वन्यप्राणी आ जाएंगे, तब बाघ भी आ जाएंगे. उन्होंने बताया कि गुजरात में चल रहे 13वां कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज में बिहार पवेलियन में कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी को डिस्प्ले लगाया गया है. कॉन्फ्रेंस में एनटीसीए वाइल्डलाइफ सेंचुरी टाइगर को टाइगर रिजर्व के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा है.

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