रोहतास में बेफिक्री से कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. स्वास्थ्य महकमा से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच शुक्रवार को फिर 188 नए मरीज मिले हैं, जबकि पूर्व से संक्रमित 20 मरीज स्वस्थ हुए हैं. इसकी पुष्टि सिविल सर्जन डॉक्टर सुधीर कुमार ने की है. इधर, प्रशासन की चेतावनी के बाद भी आमजन सतर्क नही दिख रहे. ऐसे में कहा जा रहा है कि आमजन सावधानी बरतेंगे तभी मिलकर हम सब कोरोना संक्रमण की जंग हरा सकते हैं.
फिलवक्त जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या भी 467 से बढकर 635 हो गई है. जिसमें से 22 का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. जबकि 613 को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है. शुक्रवार को मिले पॉजिटिव में स्टेशन पर दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के कोरोना जांच में तैनात तीन एएनएम के साथ सदर अस्पताल के जिला महामारी रोग विशेषज्ञ व एक अन्य चिकित्सक भी शामिल हैं. इससे पहले तीन चिकित्सकों के साथ जिला स्वास्थ्य विभाग के तीन अधिकारी संक्रमित हो चुके हैं. इस प्रकार जिला स्वास्थ्य विभाग के 11 कर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. जिला स्वास्थ्य विभाग अपने चिकित्सकों के संक्रमित होने को ले तनाव में दिखने लगा है.
वहीं, शुक्रवार को शिवसागर के डुमरी पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अदमापुर के प्रधानाध्यापक राम नगीना शर्मा की कोरोना से शुक्रवार को मौत हो गई. बताया जाता है कि प्रधानाध्यापक की तबीयत बिगड़ने के बाद सासाराम के निजी अस्पताल में कोरोना जांच करायी गई थी. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनका इलाज चल रहा था. हालत गंभीर होने पर परिवार के सदस्यों उन्हें इलाज के लिए वाराणसी ले जाया जा रहा था. जहां मोहनियां के समीप उनकी मौत हो गई. मृतक प्रधानाध्यापक नोखा प्रखंड के रामपुर घोडीहा के मूल निवासी थे. वे 1994 बैच के शिक्षक थे.
जिलेवासियों में शामिल काफी लोग जो इस महामारी को गंभीरता से ले रहे हैं, वे सतर्कता रखते हुये बगैर मास्क घरों से बाहर नहीं निकल रहे. लेकिन बहुतरे लोग इसे मजाक समझते हुये विभिन्न दुकानों में भी बिना मास्क के लोग पहुंच रहे हैं. इस दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं. इधर, जिले में सक्रीय मरीजों व कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होने से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की चिताएं बढ़ गई है. अस्पताल में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ इलाज कराने वाले मरीजों व स्वजनों को भी मास्क पहनने व दो गज दूरी का अनुपालन को स्वास्थ्य संस्थानों में भी अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. सदर अस्पताल के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर सैंपल संग्रहित व जांच करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है.