कैमूर व रोहतास जिले के किसानों की महत्वाकांक्षी दुर्गावती जलाशय परियोजना 6 सालों से बनकर तैयार है. लेकिन आज तक कैमूर जिले के रामपुर प्रखंड के किसानों के लिए दुर्गावती जलाशय परियोजना के बाएं तटबंध से निकलने वाली नहर की वितरणी की खुदाई कार्य अधर में लटका हुआ है. वहीं रोहतास जिले के लांजी व चेनारी वितरणी के नहर में पर्याप्त पानी व नहर का लेबल अनुकूल नहीं होने से अंतिम टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है. जिससे किसानों को फसल की सिंचाई के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. किसानों के सिंचाई के लिए बना दुर्गावती जलाशय परियोजना से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.
दुर्गावती जलाशय परियोजना से निकलने वाली नहर की वितरणी कैमूर जिले के रामपुर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गाँवो में नहर की खुदाई का कार्य वर्षो से पूरा न होने कारण किसान चिंतित रहते है. जो नहर की वितरणी की खुदाई हुआ है वह आधा-अधूरा ही किसी किसी गांवो में हुआ है. इसका कारण सिंचाई विभाग द्वारा इस नहर की वितरणी की खुदाई कराने के प्रति संवेदनशील नहीं होना बताया जाता है. वही जिन किसानों की खेत नहर की वितरणी में गया हुआ है. उनके खेत का उचित मूल्य नहीं मिल पाने के कारण भी किसानों द्वारा रोक लगाने की बात भी सामने आती है. लेकिन फिर भी किसानों के खेत की जमीन की उचित मूल्य दे दिया जाता तो उनकी समस्याओं का समाधान हो जाता. नहर की वितरणी की खुदाई भी करा दिया जाता है प्रखंड के कई गांवों के किसानों की सिंचाई की समस्या ही खत्म हो जाती. क्योंकि किसानों को मौसम को देखते हुए उन्हें लगने लगता है कि कही वर्षा नहीं होगी तो किसान के खेतो की सिचाई कैसे होगी? फसल भी तैयार नहीं हो पायेगी.
जानकार किसानों ने बताया कि अभी बहुत से किसानो को खेत में जा रही नहर की खुदाई वाला पैसा ही नहीं मिला है. दुर्गावती जलाशय के नहर खुदाई वाले अधिकारियों ने कभी धान की फसल तो कभी गेहूं का फसल कट जाने बाद नहर की खुदाई का काम चालू कराने को आश्वासन दिया जाता है. लेकिन अब तक कुछ नहीं होता हुआ दिखाई पड़ता है. जैसे उन्हें किसानो के दुःख दर्द से कोई मतलब ही नहीं है. मतलब भी कैसे होगी. जब उनको कोई ध्यान दिलाएगा तब तो होगी. किसानों के कहना है कि दुर्गावती जलाशय परियोजना के नहर के वितरणी की खुदाई कराने के लिए कई बार डीएम, सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों तक गुहार लगा चुके है. लेकिन अब तक कोई पहल होता हुआ नहीं दिखता है. अगर समय रहते नहर की खुदाई नहीं होगी तो फिर वही स्थिति पैदा हो जाएगी. हमेशा किसानों के लिए समस्याएं पैदा होती रहेगी. उन्होंने इसे जरूरी समझते हुए जल्द से जल्द नहर की वितरणी खुदाई करवाने की मांग की है.
किसान हरिवंश पाल, गुदरी शर्मा ने बताया कि कई साल से पानी के अभाव में खेत की सिंचाई के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. नहर की वितरणी की खुदाई आधा अधूरा होने के बाद दुर्गावती डैम से नहरों में पानी छोड़ा जाता है तो अमाव, मडै़चा, सलेमपुर, दियरी, नौहट्टा तक खेतो में नहर का पानी पहुँचता हैं. लेकिन सबार, पाण्डेयपुर, झाली आदि कई गांव में पानी नहीं पहुँच पाता है. उस पानी को किसानो द्वारा खेतों के सहारे लाना पड़ता है. जिसके कारण परेशानी व विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. कई बार नहरों में पानी छोड़ा जाता है तो पानी को रोक दिया जाता है. कई बार तो तनाव की स्थिति भी पैदा हो चुकी है. तब जाकर खेत खेत पानी को सबार तक लाकर सबार के किसानों की फसल अंतिम समय पानी थोड़ा मिल पाता है. बारिश नहीं होती है तो फसल पानी के आभाव में बर्बाद हो जाता है.
कैमर जिले के किसानों का कहना है कि इस बार विधानसभा का चुनाव होना है. किसानों का इस बार नेताओ व विधायक के प्रत्यासियों से मुद्दा रहेगा कि जो दुर्गावती जलाशय परियोजना से बाएं तटबंध से नहर निकला है. उसका वितरणी की खुदाई का कार्य पूरा कराना मुद्दा है. अगर मुद्दों का समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन देने वाले को इस चुनाव में वोट दिया जायेगा. क्योंकि किसानों के लिए यह बहुत जरूरी है. यह किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पानी ही नहीं मिलेगा तो फसल बर्बाद हो जाएगा. उन्हें दुर्गावती जलाशय परियोजना होने के बाद भी कोई फायदा नहीं मिल पायेगा.
बता दें कि कैमूर व रोहतास जिले को अलग करने वाली दुर्गावती जलाशय परियोजना किसानों के महत्वाकांक्षी योजना थी. कैमूर व रोहतास के किसानों के खेतों की सिचाई के लिए 1976 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम ने दुर्गावती परियोजना की नींव रखी था. जो कई सालों से राजनीति की भेंट चढ़ते हुए मुद्दा बन कर लंबित रहा था. लेकिन यह दुर्गावती जलाशय परियोजना साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा दुर्गावती जलाशय परियोजना का पहुँच कर उद्घाटन किया था. जब इस परियोजना का उद्घाटन हुआ था तो किसानों को लगा था कि अब जल्द ही कैमूर व रोहतास जिले की किसानों के खेतों तक पानी पहुँचने लगेगी. उन्हें सिंचाई के लिए परेशानी नहीं पड़ेगी. लेकिन कैमूर जिले के रामपुर प्रखंड किसानों की सपना जो उनके खेतों तक पानी पहुँचने की थी. वह सपना अभी तक संजोए है. वह पूरा होता हुआ नहीं दिख रहा है.