मंदिर खुलते ही मां ताराचंडी का दर्शन करने पहुंचे कई श्रद्धालु, गर्भ गृह में जाने की इजाजत नहीं

मां ताराचंडी मंदिर के गर्भगृह के बाहर से दर्शन करते श्रद्धालु

रोहतास जिले के सासाराम शहर से दक्षिण में कैमूर पहाड़ी की मनोरम वादियों में स्थित प्रसिद्ध ताराचंडी मंदिर सोमवार को 78 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. मंदिर खुलते ही पहले दिन सैकड़ो श्रद्धालुओं ने मां ताराचंडी का दर्शन किया. वहीं प्रसिद्ध शक्तिपीठ ताराचंडी देवी स्थान के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगायी गई है तथा पूरे गर्भगृह को चारों तरफ से बैरिकेटिंग की गई है. ताकि कोई भी व्यक्ति अंदर प्रवेश न कर सके. दर्शन के लिए बाहर एक मीटर की दुरी पर खड़ा रहने के लिए घेरा बनाया गया है.

आज मां ताराचंडी मंदिर खुलने के बाद प्रसाद चढ़ाने की मनाही है. पुजारी किसी का भी प्रसाद अंदर नही चढ़ा रहे थे. प्रसाद लेकर आने वाले भक्तो को अंदर का प्रसाद दिया जा रहा था. वहीं न तो किसी को टीका लगाया जा रहा है और न ही श्रद्धालुओं को नारियल फोड़ना है. मंदिर परिसर में आने से पूर्व श्रद्धालुओं के हाथ को सैनिटाइज व स्क्रीनिग की जा रही है. इस दौरान पुजारी से लेकर मंदिर के कर्मी भी हाथों में ग्लबस व मास्क लगाए हुए दिखाई दिए. मंदिर में लोग दर्शन कर मां से अच्छे स्वास्थ्य व कोविड-19 जैसी महामारी से देश को बचाने की प्रार्थना किए. आज पहले दिन मां ताराचंडी मंदिर में श्रद्धालु हर गाइडलाइन का पालन करते देखे गये. जिनके द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही बरतते हुए देखा गया उन्हें मंदिर परिसर में मौजूद कर्मियों द्वारा नियम का पालन कराया गया. वहीं मंदिर खुलने के बाद भी आम दिनो की तरह श्रद्धालु नही पहुचे थे. मंदिर में भीड़ नही थी. लेकिन पुरे दिन श्रद्धालु आते-जाते रहे.

ताराचंडी मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालु का स्क्रीनिंग

बता दें कि मां ताराचंडी मंदिर के खुलने के बाद भी धाम परिसर में प्रसाद की दुकान खोलने दुकानदारों को बहुत लाभ नहीं है. उनका व्यवसाय मंदा है. क्योंकि प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगाई गई है. इसकी जानकारी अधिसंख्य श्रद्धालुओं को है. इसके चलते श्रद्धालु प्रसाद नहीं खरीद रहे. कुछ श्रद्धालु प्रसाद खरीद रहे हैं लेकिन उससे एक-दो दुकानदार ही प्रसाद की बिक्री कर पा रहे हैं.

गर्भगृह में मां ताराचंडी

मालूम हो कि जिले के विभिन्न मंदिरों में 65 वर्ष से अधिक आयू तथा 10 वर्ष से कम के आयु के बच्चे भी मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. जबकि धाम के परिसर में लाना भी अनुचित है. मंदिर व मंदिर परिसर के आसपास में धार्मिक पूजा पाठ व अनुष्ठान प्रतिबंधित है.

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