धान का कटोरा कहलाने वाले रोहतास में एग्रीकल्चर की पढ़ाई शुरू

12 वीं पास होने के बाद अभियार्थी बहुत परेशान से रहते हैं की क्या किया जाये, किसी से पूछने पर अधिकतर लोग इंजीनियरिंग, डॉक्टर आदि जैसे कोर्स की सलाह ही देते हैं. लेकिन आपके पास इससे भी अच्छे विकल्प मौज़ूद है. जैसा की आपको पता ही है की किसी भी व्यक्ति की प्रारंभिक ज़रूरतें रोटी, कपड़ा और मकान है. तो अगर आप इनसे जुड़े कोई कोर्स करते है तो आप एक अच्छा रोजगार तलाश सकते है. ऐसे में एग्रीकल्चर कोर्स के द्वारा विभिन्न प्रकार के करियर के लिए छात्रों को तैयार किया जाता है.

तो आपको बता दें कि बिहार के धान का कटोरा कहे जाने वाला रोहतास के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में इस सत्र से एग्रीकल्चर की भी पढ़ाई शुरू होने वाली है. ज्ञात हो कि धान का कटोरा कहे जाने वाले इस क्षेत्र में अभी तक किसी कॉलेज में एग्रीकल्चर की पढ़ाई नहीं होती थी. वहीं जमुहार स्थित इस विश्वविद्यालय परिसर में पहले से ही स्नातक काॅमर्स, स्नातक प्रबंध शिक्षा, जर्नलिज्म, कंप्यूटर साइंस, लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई शुरू है. वहीं दो वर्षीय स्नातकोत्तर प्रबंधन शिक्षा भी दी जा रही है. कानून के जानकारी के लिए नारायण स्कूल ऑफ लाॅ में भी नामांकन शुरू हो चुका है.

नारायण स्कूल ऑफ लॉ

गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के सचिव गोविन्द नारायण सिंह ने कहा कि धान के कटोरे कहे जाने वाले इस क्षेत्र की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर ही आधारित है, ऐसे में एग्रीकल्चर की पढ़ाई परिवर्तन का वाहक बनेगा. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा लेने वालों को केवल प्रमाण पत्र देना उद्देश्य नहीं है बल्कि कैरियर व भविष्य को उज्जवल करना है.

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