वित्त वर्ष 2017-18 में राज्यों में विकास दर के मामले में बिहार शीर्ष पर रहा है. इस दौरान बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रॉडक्ट यानी जीएसडीपी) 11.3% की दर से बढ़ा. यह जानकारी रेटिंग्स एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में सामने आई है. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसडीपी के मामले में आंध्र प्रदेश और गुजरात क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे. वहीं, झारखंड, केरल और पंजाब ने सबसे खराब प्रदर्शन किया.
इस रैंकिंग में उन 17 राज्यों को शामिल किया गया है जो केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों (सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स डेटा) पर आधारित विभिन्न मापदंडों के अनुसार विशेष श्रेणी में नहीं आते हैं. क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अधिकांश राज्यों में आर्थिक वृद्धि रोजगार सृजन के अनुकूल नहीं रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि 11 राज्यों में निर्माण, व्यापार, होटल, विनिर्माण, परिवहन और संचार सेवाओं जैसे रोजगार केंद्रित क्षेत्रों में राष्ट्रीय दर की तुलना में कम रफ्तार से वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में 12 राज्यों की आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रीय दर की तुलना में ज्यादा रही.
रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात, बिहार और हरियाणा में रोजगारोन्मुख क्षेत्रों की वृद्धि सबसे तेज रही. वहीं, राजस्थान, झारखंड और मध्य प्रदेश में इनकी वृद्धि दर सबसे कम रही। वित्त वर्ष 2017-18 में देश की जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती का ट्रेंड दिखा.