चार दिवसीय लोकआस्था के महापर्व चैती छठ शनिवार से शुरू है. रविवार को चैती छठ के दूसरे दिन खरना पूजन हुआ. देर शाम व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ कर दिया. सोमवार को व्रती लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए घर की छत से डूबते सूर्य को जबकि मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगे. व्रत के दौरान बीमारी के प्रति सजग रहना जरुरी है. वर्तमान में जो कोरोना वायरस का संक्रमण है उसे देखते हुए हर व्यक्ति को सजग एवं सतर्क रहने की जरूरत है.
कोरोना जैसी महामारी से उत्पन्न इस विषम परिस्थिति में संसाधनों एवं पूजा सामग्री का घोर अभाव सर्व विदित है. बावजूद इसके यथासंभव संसाधनों में हीं व्रती अर्घ्य अर्पित करेंगी. आपसे अपील है कि छठ व्रती शारीरिक दूरी बनाकर लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए भगवान सूर्य की आराधना एवं मानव धर्म का पालन करें. चैती छठ पर्व घर पर ही मनाएं. सार्वजनिक स्थल पर भीड़-भाड़ इकट्ठा न होने दें. अपने आस-पड़ोस के वैसे लोगों को जो इस विपत्ति के समय असहाय महसूस कर रहे हैं, उनकी यथासंभव मदद भी करें.