सतयुग के सूर्यवंशी राजा सत्य हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व द्वारा स्थापित रोहतासगढ़ के किले के नाम पर रोहतास जिले का नामाकरण रोहतास हुआ. रोहतास एक तरफ से कैमूर की पहाड़ी तो दूसरी तरफ सोन नदी से घिरा हुआ है. रोहतासगढ़ के किले का सुनहरा इतिहास सबको आकर्षित करता है. इस इलाके में रोहतासगढ़ के किले में छुपे हुए खजाने की कहानी बड़ी रुचि से सुनाई जाती है. फ्रांसिसी इतिहासकार जॉन बुकानन ने 200 साल पहले अपनी डायरी के पेज 77 पर इस खजाने के बारे में लिखा था लेकिन इसी रोहतास जिले के चेनारी प्रखंड बाजार में गुड़ के लड्डू के स्वाद का खजाना भी है. यह ऐसा जो आपको लड्डू के एक नये स्वाद से परिचित करायेगा. इस स्वाद में तिल, सौंफ, इलायची और नारियल खस खस के साथ घी भी घुला होगा. यह चेनारी, सासाराम, बिक्रमगंज के इलाके में काफी बिकता है.
आपको बता दें कि, यह लड्डू खाने में सुपाच्य और पौष्टिक तो होता ही है, अपनी गर्म तासीर के कारण ठंड के दिनों में विशेष लाभदायक भी होता है. चेनारी के इंदिरा चौक की प्रसिद्ध दुकान के मालिक कृष्ण मोहन गुप्ता कहते हैं कि शुद्ध गुड़, बेसन और तिल का बना गुड़ई लड्डू का स्वाद लाजवाब है. सभी का मिश्रण बनाकर इसे गुड़ की चासनी में तैयार किया जाता है. यह मिलावटी खोवा, डालडा और चीनी से पूरी तरह रहित है.
चेनारी की ही माया देवी, लड्डू तैयार करती हैं. वह कहती हैं कि इसका सौंधा स्वाद आपको घर के लिए खरीदने पर मजबूर कर देगा. यह 15 दिनों तक खराब नहीं होता है. यह केवल 120 रुपये से 150 रुपये किलो की दर से बेचा जाता है.
– रविशंकर उपाध्याय