लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर गृह विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है. इसके अनुसार 60 साल से अधिक व 10 साल से कम उम्र के लोगों को नदी घाटों पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. बुखार की स्थिति में घाट तक नहीं जाने की सलाह दी गई है. साथ ही कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए घर पर ही छठ मनाने की सलाह दी गई है. इस बार छठ के अवसर पर न मेला लगेगा, ना ही जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे.
गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि नदियों से व्रती यदि पूजा के लिए जल ले जाना चाहें तो जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक व्यवस्था की जाए. हालांकि इस दौरान मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किया जाना चाहिए. ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्थित छोटे तालाबों पर छठ महापर्व का आयोजन होगा. यहां अर्घ्य देने की अनुमति दी गई है. गृह विभाग ने निर्देश दिया है कि इन घाटों पर अर्घ्य के पहले और बाद सैनेटाइजेशन का कार्य नगर निकाय और ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाए. यहां मास्क का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं. आयोजकों और अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन के निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा.
गृह विभाग ने सलाह दी है कि तलाब में अर्घ्य के दौरान डूबकी न लें. लोगों को डूबकी लगाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग करने को कहा गया है. साथ ही घाटों पर लोगों के बैठने या खड़े रहने की व्यवस्था इस तरह से करने के निर्देश दिए गए है कि सामाजिक दूरी बनी रहे. घाटों के आसपास खाद्य पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जाएगा. कोई सामाजिक भोज, प्रसाद या भोग का वितरण नहीं किया जाएगा.
गृह विभाग ने जिला प्रशासन को छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाइयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ समन्वय बनाकर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देशों का प्रचार-प्रसार करने को कहा है. दिशा-निर्देश के मुताबिक गंगा नदी समेत अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे घाटों पर छठ महापर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है. ऐसे में सामाजिक दूरी का पालन करा पाना कठिन है. अत: लोगों को घरों पर ही छठ पूजा करने के लिए प्ररित किया जाए. गृह विभाग ने नदियों के साथ तालाब पर कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए छठ पर्व के दौरान सुबह व शाम दिए जाने वाले अर्घ्य को घर पर ही करने की सलाह भी देने को कहा है. विभाग ने छठ महापर्व के दौरान आवश्यक संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस बल के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति के भी आदेश दिए हैं. प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत ने नगर विकास और पंचायती राज विभाग को भी कोरोना से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए हैं.