सासाराम महिला बटालियन में बच्चों के लिए खुला चाइल्ड केयर सेंटर

पति नौकरी करता है और पत्नी पुलिस की ड्यूटी. ऐसे में घर में उनके बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं. इस समस्या के समाधान के लिए सासाराम के बेदा स्थित महिला पुलिस बटालियन में चाइल्ड केयर सेंटर बनाया गया है. यहां महिला पुलिस कर्मी अपने बच्चे को छोड़कर ड्यूटी पर चली जाएगी और बच्चे की देखभाल अन्य महिला पुलिसकर्मी करेंगी. यहां पर बच्चों के ज्ञान के लिए बैगलैस स्कूल नंदन वन बनाया गया है. जहां बच्चों को ज्ञानवर्धक जानकारी खेल-खेल में मिलेगी. इस चाइल्ड केयर सेंटर का उद्घाटन महिला बटालियन की कमांडेंट स्वप्ना जी मेश्राम ने किया.

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इस चाइल्ड केयर सेंटर में बच्चे को लाने-ले जाने की भी व्यवस्था रहेगी. नवाजत उम्र से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों को झुलने के लिए पलना व झूला, तीन वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए प्राथमिक अक्षर व अंक ज्ञान के लिए कई प्रकार के शैक्षणिक कलेंडर, कई प्रकार के खिलौने, मानसिक योग्यता को विकसित करने और सृजनात्मक मानसिक विकास के लिए ज्ञानवर्द्धक हिंदी और अंग्रेजी में लिखा हुआ अक्षर युक्त एक बड़ी चटाई की व्यवस्था किया गया है. समय-समय पर अधिकारी भी इसका निरीक्षण करेंगे. टीवी पर कार्टून देख बच्चे आकर्षित होंगे. बच्चों को खेलकूद के साथ ही नर्सरी स्तरीय पढ़ाई भी कराने की व्यवस्था की गई है. इससे स्कूल जाने की आयु तक बच्चा काफी कुछ सीख सकेगा और उसकी नींव भी मजबूत होगी.

कमांडेंट स्वप्न्ना जी मेश्राम ने कहा कि अब महिला पुलिसकर्मी अपने बच्चों को चाइल्ड केयर सेंटर में रखकर पूरे दिन आराम से अपनी ड्यूटी कर पाएंगी. कमांडेंट ने बताया कि ड्यूटी पर जाने वाली महिला सिपाही सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक अपने बच्चों को यहां छोड़ सकती हैं. सेंटर के देखभाल के लिए महिला सिपाही के अलावा अन्य कर्मियों की तैनाती की गई है. फिलहाल यहां नियुक्त दो महिलाएं बच्चों को दिनभर देखभाल करेंगी. ड्यूटी से लौटकर महिला अपने बच्चे को घर ले जाएंगी. बताया कि चाइल्ड केयर सेंटर आमतौर पर एकल परिवार व खासकर नौकरीपेशा महिलाओं के बच्चे के लिए होता है. महिला बटालियन में कार्यरत लगभग पांच सौ महिलाकर्मियों को इसका लाभ मिलेगा. पति-पत्नी दोनों के कामकाजी होने पर इस तरह की सेंटर की मांग काफी दिनों से की जा रही थी.

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