रोहतास जिले में लाॅकडाउन के बीच कोरोना वायरस को लेकर भ्रामक सूचनाएं और अफवाह फैलाने वाल लोगों की खैर नहीं. रोहतास पुलिस ने कोरोना की आड़ में समाज में कटुता फैलाने वाले अफवाहबाजों पर सख्ती बढ़ा दी है. इसके तहत फर्जी खबर, गलत सूचना व समाज में किसी भी तरह की भेदभाव बढ़ाने वाले पोस्ट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की गयी है. इन लोगों की पहचान भी की जा रही है.
रोहतास एसपी सत्यवीर सिंह ने बताया कि जिला पुलिस की सोशल मीडिया पर पैनी नजर है इसीलिए फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप एवं इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया पर जाति, धर्म व मजहब को गाली-गलौज करने एवं अफवाह फैलाने से बचें. उन्होंने कहा कि यदि आप कुछ आपत्तिजनक पाते हों या एडमिन द्वारा आपको सूचित किया गया हो तो उसे तुरंत डिलिट कर दें. किसी भी खबर/फोटो/वीडियो के स्रोत का पता करने के बाद ही उसे पोस्ट करें. अगर किसी तरह की गलत सूचना, फर्जी खबर या घृणा स्पीच आप तक पहुंचती है तो तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या Cyber Crime वेबसाइट पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं. एसपी के अनुसार धार्मिक भावनाओं का अपमान, शांति भंग करने के उद्देश्य से फर्जी व भ्रामक खबर प्रकाशित करने, लोगों को उकसाने, अपनी पहचान छुपा कंप्यूटर स्रोत का दुरुपयोग पर तीन साल की सजा व जुर्माना का प्रावधान है.
व्हाट्सएप एडमिन होने के नाते बरतें सावधानियां:
- यह सुनिश्चित करें कि ग्रुप के सभी सदस्य विश्वसनीय और जिम्मेवार व्यक्ति हो, जो केवल सत्यापित खबरों को ही शेयर करें.
- समूह के सभी सदस्यों को पोस्ट करने वाली सामग्रियों के नियमों के बारे में बतायें.
- सभी सदस्यों को आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट नहीं करने के संबंध में चेतायें एवं उन्हें ऐसा करने से रोकें.
- लगातार सक्रिय होकर समूह पर शेयर किये जाने वाले सामग्रियों की मॉनिटरिंग करें.
अगर आपको लगे ये कि ग्रुप में मना करने के बावजूद कुछ लोग आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट कर रहे हैं तो तुरंत ग्रुप की सेटिंग बदल दें ताकि केवल एडमिन ही पोस्ट कर सकें साथ ही ऐसे लोगों को चेतावनी दे दें. अगर तब भी वह ना माने तो ग्रुप से बाहर कर दें.
- अगर कोई सदस्य ऐसे पोस्ट मना करने के बावजूद लगातार ऐसे आपत्तिजनक पोस्ट करे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें.
- अगर व्हाट्सएप के सदस्यों और एडमिन सावधानियां नहीं रखते हैं और फर्जी खबर/झूठी खबर या घृणास्पद कथन को पोस्ट, शेयर या फॉरवर्ड करते हैं तो पोस्ट करने वाले व्यक्ति और एडमिन के विरुद्ध इन धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज हो सकती है.
- किसी आपदा की परिस्थिति में झुठी खबर या चेतावनी फैलाना, जिससे लोगों के बीच भय, घबराहट फैल सकता है. ऐसे में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार धारा 51 के तहत एक वर्ष तक करावास एवं जुर्माना का प्रावधान है.
- अगर कोई व्यक्ति विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर घृणा या द्वेष को बढ़ावा देता हो एवं ऐसा करने से आपसी सद्भाव बिगड़ता हो तो उसे भा.द.वि. की धारा 153ए के तहत तीन से पांच साल तक के कारावास की सजा और जुर्माना से दंडित किया जा सकेगा.
- सार्वजनिक शांति को भंग करने के उद्देश्य से, झुठा-भ्रामक जानकारी प्रकाशित करना, रचना अथवा उकसाना. ऐसे में भा.द.वि. की धारा-505 के तहत तीन वर्ष तक का सजा एवं जुर्माना का प्रावधान है.
- किसी भी वर्ग में धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक भावना का अपमान करना दण्डनीय अपराध है. जिसके लिए भा.द.वि. की धारा-295ए के तहत तीन साल की सजा और जुर्माना का प्रावधान है.
- किसी के पहचान की चोरी यानि इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर, पासवर्ड व किसी के विशिष्ट पहचान का किसी के द्वारा दुरुपयोग किया जाने वालों पर आई.टी.एक्ट की धारा 66सी के तहत तीन वर्ष तक कारावास एवं जुर्माना का प्रावधान है.
- अपनी पहचान छुपाकर कम्प्यूटर स्त्रोत का दुरूपयोग किया जाना, आई.टी. एक्ट की धारा-66डी के तहत तीन साल की सजा एवं जुर्माना का प्रावधान है.