मुख्यमंत्री के ग्रीन प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई है. यह नोखा नगर पंचायत के लगभग सभी वार्डों में देखने को मिल रही है. इस योजना का हाल है कि वार्ड नंबर 10 एवं 11 में कहीं सड़क पर पाइप बिखरा पड़ा है. कई जगहों पर तो बच्चे पाईप लेकर खेलने में लगे हैं. यही नहीं वार्ड 11 में गलियों में सड़क तोड़ कर पाइप बिछाकर ऐसे ही छोड़ दिया गया है.
वार्ड 11 में पाइप बिछाने के नाम पर सड़क को खोदकर जरूर बर्बाद कर दिया गया है. कोई देखने वाला नहीं है. वहीं, बीच सड़क पर निकला पाईप लोगों के लिए सिर दर्द बना है. जिस कारण अक्सर इधर आने-जाने वाली गाड़ियां फंसती रहती है. इससे पाइप क्षतिग्रस्त होने की संभावना है. कई जगहों पर तो बच्चे पाईप लेकर खेलने में लगे हैं.
लोगों ने सरकार की इस योजना को तो सही बताया लेकिन इसे क्रियान्वति करने में बरती जा रही अनियमितता पर आपत्ति जताई. लोगों ने कहा कि वाहनों के आने-जान से सड़क पर बिखरा पाइप क्षतिग्रस्त हो रहा है. वहीं, नगर पंचायत के कुछ वार्डों में यह योजना काम कर रही है तो कई जगहों पर लोगों को इसका लाभ नहीं मिला है. केवल फाइलों तक सिमटकर रह गयी है. कई जगहों पर आधा अधूरा काम हुआ है तो कई जगहों पर अभी तक नल से पानी नहीं टपका है.
लोगो का कहना है कि सरकार ने जब जब नल जल योजना की घोषणा की थी तो लगा था कि अब शुद्ध पेयजल की समस्या खत्म हो जाएगी. गांव के सभी घर को पीने योग्य पानी मिलेगा. हालांकि सरकार ने इस योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए. लेकिन यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी. छह साल बीतने के बाद भी आज भी ग्रामीण इस नल जल योजना के लाभ से वंचित हैं. अब तो ऐसा लगने लगा है कि शायद हीं योजना पूर्ण हो. सवाल किया जा रहा है कि आखिर इस पानी नहीं मिलने पर किसकी जिम्मेदारी तय होगी.
ईओ वसंत कुमार ने कहा कि सात निश्चय योजना के कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जांच में अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.