खेतोंमें पराली जलाने से केवल धरती की शक्ति कमजोर होती है, बल्कि हवा में धुआं घुलने से पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। सरकार ने खेतों में फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाई है, लेकिन इसके बावजूद बहुत से किसान पराली को आग के हवाले कर रहे हैं. ऐसे में खेतों में पराली जलाने व उससे निकली चिगारी से दूसरे किसानों की फसलों के जलने को ले रोहतास जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है.
डीएम के निर्देश पर जिला कृषि पदाधिकारी संजयनाथ तिवारी ने जिले के सासाराम, शिवसागर, करगहर, कोचस एवं नोखा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में खेतों पहुंच मुआयाना किया. जहां खेतों में गेहूं के फसल कटनी के बाद खेतों में पराली जलाने के आरोप में 11 किसानों के खिलाफ संबंधित थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जबकि जिले के विभिन्न प्रखंडों में 27 किसानों का निबंधन रद्द कर दिया गया है. अब उन्हें तीन वर्षों तक कृषि विभाग से संबंधित कोई अनुदान अथवा योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.
डीएओ ने कहा कि रोहतास जिले में सैकड़ों कृषकों द्वारा स्ट्रारीपर से भूसा भी बनवाया जा रहा है. जिले में कंबाईन हार्वेस्टर के संचालन के लिए कुल 122 पास निर्गत किया गया है. रबी फसल कटनी मौसम में फसल अवशेष जलाने के विरुद्ध इस वर्ष अब तक कई किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है. जिसमें नोखा प्रखंड में छह, डेहरी प्रखंड में एक, करगहर में 13, कोचस में तीन एवं शिवसागर में चार कुल 27 कृषकों का निबंधन रद्द किया गया है. इन किसानों को तीन वर्षों तक कृषि विभाग द्वारा सभी लाभ से वंचित रखा जाएगा.
डीएओ ने बताया कि प्रखंड सासाराम में ग्राम पंचायत समरडिहां के जन प्रतिनिधि, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, चार वार्ड सदस्य व अन्य किसानों द्वारा पंचायत समिति सदस्य, चार वार्ड सदस्य व अन्य किसानों द्वारा मुफस्सिल थाना में तथा नोखा प्रखंड अंतर्गत धर्मपुरा ओपी में फसल अवशेष जलाने के विरुद्ध 11 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.