देश के ‘आखिरी रियासती राजा’ और शाहाबाद जिले के पहले सांसद ने 94 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

देश की पहली संसद के एकमात्र जीवित बचे सांसद व शाहाबाद जिले से पहली बार सांसद रह चुके एवं डुमरांव राज के अंतिम महाराज कमल बहादुर सिंह का रविवार की सुबह निधन हो गया. 94 साल के महाराजा बहादुर कमल सिंह का निधन बक्सर के नया भोजपुरी स्थित अपनी कोठी में ही हुआ. उनके पुत्र चंद्रविजय सिंह ने बताया कि रविवार को भोजपुर स्थित कोठी पर उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जा रहा है. सोमवार की सुबह उनका संस्कार किया जाएगा.

पूर्व सांसद महाराज कमल सिंह ने सुबह 5.10 बजे अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरे शाहाबाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है. कमल सिंह आजादी के बाद पहले आम चुनाव में शाहाबाद से सांसद निर्वाचित हुए थे. साल 1957 में दूसरे आम चुनाव में बक्सर संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां से भी जनता ने उन्‍हें अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा में भेजा.

फाइल फोटो: प्रथम राष्ट्रपति डा राजेन्द्र प्रसाद का स्वागत करते डुमरांव महाराज कमल सिंह

कमल सिंह ने पुराने शाहाबाद जिला (अब बक्सर, रोहतास, भोजपुर, कैमूर) के अलावा उत्तर प्रदेश के इलाके में खास तौर पर शिक्षा एवं स्वास्थ के क्षेत्र में मुक्त हस्त से जमीन और संसाधन दान दिए. बक्सर में प्रतापसागर स्थित टीबी अस्पताल,  डुमरांव राज अस्पताल, नगर में दो बालिका विद्यालय तथा आरा स्थित महाराजा कॉलेज व एचडी जैन कॉलेज सहित दर्जनों स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, मंदिर, मठ-मठिया डुमरांव उनकी देन हैं. वे अपने पीछे दो पुत्र युवराज चंद्रविजय सिंह एवं छोटे युवराज मानविजय सिंह का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं.

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