आम तौर पर माना जाता है कि मकर संक्रांति की सुबह से जाड़ा कम होना शुरू हो जाता है. धीरे-धीरे गर्मी आने लगती है. इस बार मकर संक्रांति से पहले ही जिले में ठंड का कहर थम सा गया था. तकरीबन रोज ही धूप निकलने से लोगो को राहत मिल रही थी. लेकिन मकर संक्रांति के एक दिन पहले मौसम ने ऐसी करवट ली कि लोग भी हैरान रह गए. अचानक ठंड बढ़ गई. कुहासा छा गया. इस कारण लोग घरों में दुबके रहे. मकर संक्रांति की सुबह छह बजे रोहतास जिले का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री रहा. शाम चार बजे यह करीब 17 डिग्री तक पहुंचा. मौसम विभाग के पूर्वानुमान बताते हैं कि रात में फिर से पारा काफी नीचे चला जाएगा. इसके छह-सात डिग्री तक पहुंचाने का अनुमान है.
इधर ठंड व कुहासे के बढ़े प्रकोप से वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया लोगों से गुलजार रहने वाले सासाराम व डेहरी रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर भी ठंड का असर देखा गया. जिलों को जोड़ने वाली सड़कों पर गुरुवार को वाहनों की रफ्तार काफी धीमी रही. खासकर सुबह व दिन ढलने के बाद विजिबलिटी काफी कम हो गई. इस दौरान सड़क पर गाड़ियां रेंगती सी नजर आयी. एक्सपर्ट्स की माने तो ऐसे में मौसम में पूरी सावधानी के साथ वाहन चलाना जरूरी होता है. जरा सी भी लापरवाही दुर्घटना का सबब बन सकती है. सबसे जरूरी है कि लोग अपने वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण रखें.
वहीं शेरशाह का रौजा तो सुबह नौ बजे तक पास से भी नहीं दिख रहा था. कड़ाके की ठंड में घना कोहरा के बीच लोग बचते बचाते हुए यात्रा करते दिखे. हर कोई अपना काम ठिठुरते हुए करता दिखा. मौसम में यह परिवर्तन अचानक मंगलवार से दिखने लगा है, जबकि रविवार व सोमवार को लोगों ने स्वेटर उतार दिए थे. चिंता इस बात की थी कि जनवरी के पूर्वार्ध में ही फगुनहट बहने लगी है, जो शुभ संकेत मौसम के संदर्भ में नहीं माना जा रहा था. इस कारण चिंता होने लगी थी कि ऐसा क्यों हो रहा है. अचानक से मंगलवार से पुनः ठंड बढ़ने लगी और गुरुवार को काफी अधिक ठंड होने से काफी परेशानी बढ़ गई है. मकर संक्रांति है और लोग ठंढ से ठिठुर रहे हैं.