बिक्रमगंज के 12 पंचायतों में सरकारी योजनाओं की हुई जांच, दो डॉक्टर के वेतन पर रोक, फार्मासिस्ट पर अनुशासनात्मक कार्रवाई; डीएम ने औचक निरीक्षण के बाद की कार्रवाई

रोहतास में डीएम धर्मेन्द्र कुमार के निर्देश पर गुरुवार को बिक्रमगंज प्रखंड के बारह पंचायतों में नल जल योजना, फ़र्टिलाइज़र रिटेल शॉप्स, विद्यालयों, स्वास्थ्य उप केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पीडीएस विक्रेताओं की जिलास्तरीय पदाधिकारियों द्वारा औचक जांच की गई. जांच का नेतृत्व स्वयं डीएम द्वारा किया गया.

औचक निरीक्षण के दौरान डीएम खुद रामाधार सिंह 10+2 विद्यालय धनगाई पहुंचे. वहां निरीक्षण के क्रम में डीएम ने विद्यालय के छात्र नामांकन व स्ट्रेंथ के सापेक्ष वर्ग कक्षों की कमी के दृष्टिगत बनाए जा रहे अतिरिक्त भवन का निरीक्षण किया. उक्त अतिरिक्त भवन के रुके हुए निर्माण कार्य को पुनः अविलंब चालू कराने एवं शीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को दिया. डीएम ने अनुमंडल अस्पताल बिक्रमगंज का भी निरीक्षण किया. डीएम के अस्पताल पहुंचते ही स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप मच गया.

डीएम ने सबसे पहले अस्पताल परिसर में बने रहे कोविड अस्पताल निरीक्षण किया और वहां निर्माण कार्य के बारीकियों को समझा. इसके बाद डीएम अनुमंडल अस्पताल के ओपीडी कक्ष पहुंचे, जहां निरीक्षण के क्रम में अनुपस्थित पाए गए दो चिकित्सकों का वेतन स्थगित किया गया. डीएम ने अपने निरीक्षण के दौरान मरीजों व उनके परिजनों से भी मिलकर उनसे बातचीत किया और अस्पताल के द्वारा मिलने वाली सुविधा के बारें में सीधी बात की. इस दौरान मरीज के परिजन के शिकायत पर डीएम ने दवा स्टॉक को जांच कराया.

स्टॉक में उपलब्ध एवं प्रदर्शित दवाओं के फार्मासिस्ट द्वारा मरीजों को नहीं उपलब्ध कराए जाने पर डीएम भड़क उठे और फार्मासिस्ट का वेतन स्थगित करते हुए उनपर अनुशासनात्मक कारवाई का निर्देश सिविल सर्जन को दिया. स्वास्थ्य केंद्रों की व्यापक जांच के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए डीएम कहा कि ग्रामीण जनता विशेषकर वंचित वर्गों को उनके निकटतम स्थल पर, बेहतर दवाएं और चिकित्सा सुविधाएं, निरंतर और गुणवत्तापूर्ण रूप से उपलब्ध कराया जाना सरकार का महत्वपूर्ण लक्ष्य एवं जिला प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकता है.

डीएम ने कृषि विज्ञान केंद्र का भी निरीक्षण किया. उन्होंने बिना यूरिया का प्रयोग किए धान की खेती को देखा. इस निमित्त उन्होंने किसानों को ढैंचा का प्रयोग कर धान की खेती की सलाह दी ताकि यूरिया का प्रयोग कम हो सके. उन्होंने बिना कदवा एवं रोपनी किए हुए धान की खेती की सराहना की. उन्होंने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत धान की सीधी बुवाई तकनीक के प्रयोग को लोकप्रिय बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस तकनीक से धान की खेती करने पर पानी की बचत एवं मीथेन उत्सर्जन से भी राहत मिल सकती है. उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती, पॉली हाउस खेती, समेकित कृषि प्रणाली से खेती तथा प्राकृतिक खेती के तरीकों को भी लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया.

इन मेगा जांचों का उद्देश्य बताते हुए डीएम ने कहा कि इनका उद्देश्य शिक्षण व्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन लाना है, सकारात्मक सुधार लाना है ना कि किसी को दंडित किया जाना है. सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, वैल्यू एजुकेशन मिले, सुदूर ग्रामीण अंचल के वंचित व निर्धन परिवार के बच्चों का समग्र विकास हो, यही सरकार एवं जिला प्रशासन का अंतिम लक्ष्य है. उन्होंने सभी शिक्षकों को विद्यार्थियों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में आचरण एवं व्यवहार रखने का निर्देश दिया. डीएम ने कहा कि खाद के खुदरा विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण एवं स्टॉक, विक्रय मूल्य इत्यादि की जांच आगे भी जारी रहेगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here