रोहतासगढ़ किला के समीप बनेगा अतिथि गृह, डीएम ने भवन निर्माण विभाग को भेजा प्रस्ताव; पर्यटकों को रात्रि विश्राम में होगी सहूलियत

रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी स्थित ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला के समीप अतिथि गृह का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भवन निर्माण विभाग के सचिव को प्रस्ताव भेज दिया है. डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि किला परिसर में पर्यटकों के सुविधा को देखते हुए अतिथि गृह निर्माण का प्रस्ताव भवन निर्माण विभाग को भेजा गया है.

डीएम ने बताया कि इसके निर्माण के लिए किला परिसर में 21.5 डिसमिल अनाबाद बिहार सरकार भूमि को चिंहित किया गया है. उम्मीद है कि विभाग द्वारा इसपर जल्द ही अनुमोदन प्राप्त हो कार्य शुरू होगा. अतिथि गृह बन जाने से रोहतासगढ़ किला घुमने आए पर्यटकों को रात्रि विश्राम में काफी सहूलियत होगी. डीएम ने बताया कि किला पर पर्यटक सुविधा विकसित करने के लिए काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है.

सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोहतास के प्रमुख पर्यटक स्थलों को विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है. किले पर पहुंचने के लिए राज्य पुल निर्माण निगम की देखरेख में रोपवे निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है. जिसका रोहतास प्रखंड के अकबरपुर से कैमूर पहाड़ी स्थित रोहतास किला के समीप चौरासन मंदिर तक निर्माण किया जा रहा है.

जनश्रुतियों के अनुसार रोहतासगढ़ किला त्रेता युग का माना जाता है. इसके इतिहास के संदर्भ में किला के मुख्यद्वार के पास दो बोर्ड लगे हुए हैं. उस पर लिखा हुआ है कि यह किला सत्य हरिश्‍चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने बनवाया था. विभिन्न कालखंडों में यह किला आदिवासी राजा के अधीन रहा है. आदिवासी इस किले को शौर्य का प्रतीक भी मानते है. बाद में यह किला शेरशाह के अधीन हुआ.

शेरशाह के बाद इस किले से ही अकबर के शासनकाल में बिहार और बंगाल के सूबेदार मानसिंह ने यहां से शासन सत्ता चलाई थी. इस रोहतास सरकार में सात परगना शामिल था. कथाओं के अनुसार सातवीं सदी में बंगाल के शासक शशांक देव ने यहीं से अपना शासन चलाया था. उनका मुहर भी प्राप्त हुआ है. अब यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here