अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के भारत बंद का रोहतास जिले में मिलाजुला असर देखने को मिला. किसान संगठनों के अलावे राजद, कांग्रेस, माले, भाकपा और जाप के कार्यकर्ताओं ने जिले में जगह-जगह जाम लगाकर रास्ता रोका. इस दौरान कृषि कानून के विरोध के साथ विधानसभा में हुई घटना के लिए भी राज्य सरकार को जमकर कोसा. सड़क जाम और प्रदर्शन का सिलसिला सुबह से दोपहर एक बजे तक चला. इसके बाद बंद समर्थक सड़क से हट गए और स्थिति सामान्य हो गई.
जिला मुख्यालय सासाराम के पोस्टऑफिस चौक को दो घंटा तक जाम किया. सबसे पहले राजद के जिलाध्यक्ष गिरजा चौधरी व महासचिव राजकिशोर सिंह पार्टी समर्थकों के साथ पोस्टऑफिस चौक पर पहुंचे. इसके बाद भाकपा (माले), जाप सहित कई विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपना समर्थन देते हुए सासाराम पोस्टऑफिस चौक पूरी तरह से बंद कर दिया.
नोखा में भी भारत बंद के दौरान अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा, महागठबंधन व वामदल कार्यकर्ताओं ने आरा-सासाराम स्टेट हाईवे को जाम कर विरोध जताया. इस दौरान केंद्र-राज्य सरकार के खिलाफ वक्ताओं ने जमकर भड़ास निकाली. वक्ताओं ने सरकार को किसान-मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि जबतक कृषि काले कानून वापस नहीं लिए जाते आंदोलन जारी रहेगा. दो घंटे जाम से सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई. अभाकिमस, किसान सभा व भाकपा माले, लिबरेशन प्रखंड इकाई के तत्वाधान में विरोध मार्च निकाला.
इधर, तिलौथू बाजार में मार्च निकाल जगदेव चौक के पास विपक्ष द्वारा भारत बंद किया गया. इसमें भाकपा माले, राजद, कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार की जनता व लोकतंत्र शर्मसार हुई है. नीतीश कुमार ने 23 मार्च को विधानसभा में पुलिस राज अधिनियम 2021 को लागू करने के लिए विधानसभा में लाठी-डंडे लात घुसा से बाहरी पुलिस बुलाकर विपक्षी विधायकों को पीटवाया,और विधानसभा में कानून पास कराए गए. बंद में शामिल राजद, भाकपा माले, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अनिल कुमार सिंह, सत्येंद्र चौधरी, राजेंद्र यादव, मनोज यादव, प्रभु यादव, सीताराम यादव, सोनू यादव अविनाश यादव, कुंदन यादव, रौशन यादव आदि लोग मौजूद थे.