रोहतास के लाल शशांक शेखर एवं रोशन बने भारतीय नौसेना के ऑफिसर

रोहतास जिले के जमुहार गांव निवासी शशांक शेखर एवं बिक्रमगंज के रोशन कुमार भारतीय नौसेना के ऑफिसर बन गए है. भारतीय नौसेना अकादमी की पासिंग आउट परेड के पूरा होने के गौरवपूर्ण अवसर पर शशांक शेखर के माता स्मिता सिंह उर्फ मरियम गुरूमीत व पिता गुलाम कुन्दनम एवं रोशन के माता शांति देवी व पिता शिवशंकर कुमार सिंह ने इनके कंधे पर सागर तट रक्षक की पट्टी (स्कंधिका) चढ़ाकर राष्ट्रसेवा के लिए आर्शीवाद दिया.

पासिंग आउट परेड का आयोजन एझिमाला में किया गया था. पासिंग आउट परेड के परीक्षण मेंं 311 भारतीय नौसेना के नौसैनिक, कैडेट, तटरक्षक और मालदीव, म्यांमार व वियतनाम के चार अंतरराष्ट्रीय कैडेट को उत्तीर्ण पाया गया. भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल एआर कर्वे, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (दक्षिणी कमान) ने पासिंग आउट परेड का पुनरीक्षण किया. परेड में भारतीय नौसेना के लिए उत्तीर्ण हुई दस महिला कैडेट भी शामिल थीं. सभी के अभिभावक इस भव्य परेड परीक्षण समारोह में शामिल हुए और अपने पाल्यों के कंधे पर पट्टिका लगाकर आशीष दिया.

शशांक शेखर

बता दें कि शशांक शेखर ने अपनी आरंभिक पढ़ाई सासाराम के डीएवी पब्लिक स्कूल में एवं इसके बाद आठवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई देहरादून के राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में की थी. प्रथम प्रयास में ही उन्होंने पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की प्रवेश परीक्षा पास की और वहां से स्नातक डिग्री प्राप्त कर स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए भारतीय नौसेना अकादमी में दाखिल हुए थे. शशांक शेखर के दादा केपी सिंह भी सेना में थे, जिनका मार्गदर्शन भी इन्हें मिलता रहा है.

रोशन कुमार

जबकि रोशन कुमार ने प्राथमिक शिक्षा गांधी शिक्षा निकेतन बिक्रमगंज से प्राप्त की तथा वर्ष 2007 में सैनिक स्कूल कपूरथला में प्रवेश परीक्षा के आधार पर नामांकन कराने में सफल हुआ. वर्ष 2015 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एनडीए की परीक्षा में सफल होकर रोशन इंडियन नेवल अकादमी में चयनित हो गया. 26 नवंबर यानी सोमवार को इंडियन नवल अकादमी में पास आउट परेड में रोशन कुमार को मेडल व कमीशन प्रदान किया गया.

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