रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला पर पहुंचने के लिए रोपवे निर्माण को ले मिट्टी की कैपेसिटी एवं उसकी गुणवत्ता की जांच करने को कोलकाता की टीम रोहतास प्रखंड पहुंची. कार्य एजेंसी टीम के इंचार्ज सुशांत कॉयल ने बताया कि रोपवे के स्ट्रक्चर को खड़ा करने से पहले यहां की मिट्टी की कैपेसिटी एवं उसकी गुणवत्ता की 30 फीट नीचे तक की जांच की जाएगी. नीचे की मिट्टी जांच के बाद ऊपर पहाड़ में भी उसकी गुणवत्ता की जांच होगी. उसके बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा. फरवरी के अंत में धरातल पर इसका कार्य शुरू हो जाएगा जिसके लिए यहां अभी से ही हम लोग कैंप लगाने की व्यवस्था कर रहे हैं. कुल 12 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से रोपवे का निर्माण किया जाएगा. कार्य को राज्य पुल निर्माण निगम की देखरेख में रोपवे एंड रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकात्ता द्वारा कराया जा रहा है.
बता दें कि नए साल में रोपवे निर्माण एजेंसी की टीम के रोहतास पहुंचने पर यहां के लोगों में खुशी का माहौल उत्पन्न हो गया है. अब लोगों को यह उम्मीद जग गई है कि रोहतासगढ़ किला पर जल्द ही रोपवे लग जाएगा. रोहतासगढ़ के पूर्व मुखिया कृष्णा सिंह यादव ने बताया कि कोलकाता से आई टीम को यथासंभव हम लोग मदद कर रहे हैं, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो और रोपवे का कार्य जल्द ही शुरू हो सके. रोपवे का निर्माण हो जाने से पर्यटको को रोहतासगढ़ पहुंचना आसान हो जाएगा. जिससे यहां पर्यटक को बढ़ावा मिलेगा, सैलानी यहां की प्राकृतिक सुंदरता का अवलोकन करने दूर-दूर से आएंगे.
शाहाबाद महोत्सव के संयोजक अखिलेश कुमार का कहना कि रोहतासवासियों के लिए नए साल में सरकार की तरफ से यह सौगात मिला है. इससे रोहतास के लोगों के बीच रोजगार का अवसर भी बढ़ेगा. पहाड़ी पर आने जाने के साधन होने से पर्यटकों व वनवासियों को पहले की तरह मुश्किल एवं कठिन चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी.
बताते चलें कि वर्ष 2011 से ही रोपवे निर्माण की कवायद शुरू हो गई थी. वर्ष 2015 में पर्यटन विभाग को रोपवे व अतिथि गृह निर्माण के लिए 12 करोड़ 65 लाख की राशि आवंटित की गई थी. वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जा चुका है. वन विभाग को भारूही के पास बिहार सरकार की भूमि भी हस्तगत की जा चुकी है.