रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी की गोद में बसे प्रसिद्ध गुप्ता धाम में मौसम का रूख बदलते ही कांवरियों की भीड़ बढ़ने लगी है. पिछले एक सप्ताह से चिलचिलाती धूप के कारण गुप्ताधाम में प्रत्येक दिन अनुपात के अनुसार भक्तों की संख्या कम हो गई थी, लेकिन गुप्ताधाम में मौसम का रुख बदलते ही कांवरियों की भीड़ उमड़ने लगी है.
सैकड़ों कांवरिया बक्सर से गंगा जल पैदल निकले है, जो दूसरे सोमवारी को जलाभिषेक करेंगे. इन कांवरियों का जत्था करीब 90 किलोमीटर का पैदल यात्रा कर हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए शनिवार को सासाराम पहुंचा. देवघर के बाबाधाम की तरह गुप्तेश्वरनाथ यानी ‘गुप्ताधाम’ श्रद्धालुओं में काफी लोकप्रिय है. यहां बक्सर से गंगाजल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाने की परंपरा है. सावन में एक महीना तक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नेपाल से हजारों शिवभक्त यहां आकर जलाभिषेक करते है.
जनश्रुतियों के मुताबिक कैलाश पर्वत पर मां पार्वती के साथ विराजमान भगवान शिव ने जब भस्मासुर की तपस्या से खुश होकर उसे किसी के सिर पर हाथ रखते ही भष्म करने की शक्ति का वरदान दिया था. भस्मासुर मां पार्वती के सौंदर्य पर मोहित होकर शिव से मिले वरदान की परीक्षा लेने उन्हीं के सिर पर हाथ रखने के लिए दौड़ा. वहां से भागकर भोले यहीं की गुफा के गुप्त स्थान में छुपे थे. भगवान विष्णु से शिव की यह विवशता देखी नहीं गई और उन्होंने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर का नाश किया. उसके बाद गुफा के अंदर छुपे भोले बाहर निकले.