18 नवंबर से शुरू हो रहा चार दिनों का लोकआस्था का महापर्व छठ

लोक आस्था, सामाजिक समरसता, साधना, आरधना और सूर्योपासना का महापर्व छठ इस बार 18 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. गाँव-शहर में छठ के पारम्परिक गीत गूंजने लगे हैं. बेहद खास और अहम पर्व छठ कई मायने में खास होता है. यह महापर्व पूरे परिवार के साथ धूमधाम से मनाया जाता. इसलिए जो लोग नौकरी या व्यवसाय के सिलसिले में घर से दूर रहते हैं, वे अब छठ पूजा में घर जाने की तैयारी कर रहे.

Ad.

चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व 18 नवंबर को नहाय-खाय से शुरू होगा. 19 नवंबर को व्रती दिनभर निराहार रहने के बाद शाम को खरना का अनुष्ठान पूरा करेंगे. इसके बाद 36 घंटे का निराहार आरंभ हो जायेगा. 20 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जायेगा. 21 नवंबर को सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके साथ ही लोकआस्था का महापर्व छठ का समापन हो जायेगा. दरअसल, छठ पूजा साल में दो बार की जाती है. पहला चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि को और दूसरा कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन भगवान सूर्य की उपासना होती है. लेकिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ को मुख्य पर्व के रूप में मनाया जाता है.

वहीं कोरोनाकाल में छठ पूजा को लेकर सरकार ने अभी तक कोई दिशा-निर्देश नही जारी किया है. जिसे लोगो के बीच दुविधा की स्थिति बनी हुई है. वैसे लोग धीरे-धीरे अंदर ही अंदर तैयारियां भी कर रहे हैं. छठ पूजा की तैयारियों को लेकर आयोजन समितियां भी असमंजस में हैं. सरकार की ओर से अब तक पूजा के आयोजन को लेकर कोई बात नहीं हो रही है. ऐसे में समितियों को इस बात का डर सता रहा है कि यदि दुर्गा पूजा की तरह हफ्ते भर पहले सरकार छठ के आयोजन के लिए भी सरकार गाइडलाइन जारी करेगी तो इतने कम समय में वह पूजा की तैयारियां कैसे कर पाएंगे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here