गोली से जख्मी वृद्ध महिला राधिका देवी को पुलिसकर्मियों द्वारा खून देकर जान बचाने की घटना को लेकर बिक्रमगंज शहर मेें चर्चा होती रही। कुछ पुलिसकर्मियों की वजह से लोगों के बीच पुलिस की छवी कुछ और ही है। महिला को गोली गलने के बाद भी लोग पुलिस की कार्रवाई से संतुुष्ट नहीं थे। लेकिन जब महिला की जान बचाने की बारी आई तो पुलिस वाले रक्तदान करने के लिए लाइन में लग गए। पुलिस वाले के इस नेक काम को लेकर लोगों ने खूूब प्रशांसा की।
दरअसल दावथ थाना क्षेत्र के उसरी गांव में सोमवार की देर शाम वृद्ध महिला राधिका देवी को अपराधियो ने गोली मारकर घायल कर दिया और अंधेरे का लाभ उठाकर भाग निकले। उसके बाद जख्मी महिला को गांव के ग्रामीणों ने बिक्रमगंज के करुणा हॉस्पिटल में पहुचाएं। महिला जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी तो उनके साथ गांव से आने वाले लोगों ने भी खून देने की जहमत नहीं उठाई। महिला की हालत को गंभीर देखते हुए हॉस्पिटल के ही एक कर्मी सौरभ कुमार मंटू ने अपना खून दिया, लेकिन घायल महिला की नाजुक हालत देखते हुए डॉक्टर ने और खून की जरुरत बताया। परिजन खून जुटाने की जुगत में थे, तभी घटना की जांच करने पहुंचे बिक्रमगंज के डीएसपी नीरज कुमार सिंह पुलिस बल के साथ हॉस्पिटल पहुंचे। खून की जरुरत की बात जानते ही एएसपी ने अपना ग्रुप चेक करने को कहा। डॉक्टर ने ग्रुप चेक किया तो जख्मी महिला के ग्रुप का खून नहीं मिला। फिर क्या एएसपी के पहल देख उनके साथ आए सैप के जवानों से भी खून देने की बात कही। आनन-फानन में जवानों का खून मैच कर गया, उसके बाद जवानों ने जख्मी महिला को खून दिया। खून देने के लिए अस्पतालकर्मियों और पुलिस जवानों की लंबी फेहरिस्त लग गई।