वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में जल्द ही एमबीए एग्री बिजनेस की पढ़ाई शुरू किया जाएगा. एकेडमिक काउंसिलिंग ने कोर्स को शुरू करने के लिए अनुमति दे दिया है. अब सिंडिकेट एवं सीनेट से अनुमोदन का इंतजार है. यह पाठ्यक्रम दो वर्षीय होगा. इसमें 60 छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जाएगा.
विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ केके सिंह ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में कैरियर संवारने के लिए विद्यार्थियों के पास यह एक सुनहरा अवसर होगा. एमबीए एग्री बिजनेस में नामांकन लेने के लिए विद्यार्थियों को लिखित परीक्षा से गुजरना होगा. परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का ही नामांकन इस पाठ्यक्रम में होगा. दो वर्ष के इस पाठ्यक्रम में चार सेमेस्टर होंगे. बताया कि विद्यार्थी एग्री बिजनेस की पढ़ाई कर चाहे तो अपना कैरियर संवार सकते है. कृषि के क्षेत्र में बढ़ते टेक्नोलॉजी की वजह से नौकरी की अपार संभावनाएं बढ़ गई है. एग्री बिजनेस का कोर्स करने के बाद छात्र-छात्राओं को निजी एवं सरकारी दोनों क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिल सकते है. बागवानी, डेयरी और पोल्ट्री फार्मिंग में नौकरी के कई अवसर है. भारत में कई सरकारी और निजी उद्योग कृषि इच्छुक लोगों को अच्छे वेतन एवं पैकेज प्रदान करते हैं.
बता दें कि एग्री बिजनेस मैनेजमेंट में वे तमाम गतिविधियां शामिल होती हैं, जो विशिष्ट वस्तुओं और नेचुरल फाइबर्स की सप्लाई में योगदान देती हैं. इस पाठ्यक्रम में छात्र-छात्राओं को बिजनेस मैनेजमेंट, मार्केटिंग, फाइनेंस, सेल्स और संबंधित उद्योग से जुड़ी जानकारी दिया जाता है. खाद्य वस्तुओं के प्रॉडक्शन से लेकर पैकेजिंग तक फूड चेन के हर स्तर पर एग्री बिजनेस अहम भूमिका निभाता है. टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलाव और उपभोक्ता की मांग के अनुसार बदलते बाजारों के साथ चलने का गुर सिखाया जाता है.