ताराचंडी धाम के विकास को ले सांसद ने दिया 14 लाख

भाजपा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने मंगलवार को शक्तिपीठ ताराचंडी धाम का दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने धाम के विकास के लिए 14 लाख की राशि सांसद विकास मद से देने की घोषणा की। साथ ही देव मंगल ट्रस्ट के द्वारा श्रद्धालुओं के रहने के लिए धाम पर धर्मशाला बनाने की भी बात कही।

सांसद ने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों के विकास के प्रति वे कृत संकल्पित हैं। ताराचंडी धाम का एक अपना महत्व है, जहां प्रत्येक वर्ष हजारों श्रद्धालु व पर्यटक दर्शन करने आते हैं। ताराचंडी कमेटी द्वारा सांसद को अंग वस्त्र व मां ताराचंडी का फोटो भेंट किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद, पूर्व वार्ड पार्षद भोला प्रसाद, भाजपा नेता सत्येंद्र ¨सह उर्फ भोला जी कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

भाजपा सांसद गोपाल नारायण सिंह एवं अन्य

बता दें कि, ताराचंडी धाम का इतिहास अति प्राचीन है। मान्यताओं के अनुसार सती का दायां नेत्र इस स्थान पर गिरा था। नेत्र गिरने के कारण ही इस धार्मिक स्थल का नाम मां ताराचंडी धाम विख्यात हुआ। ताराचंडी धाम में अवस्थित मां तारा व सूर्य की प्रतिमा तथा बाहर रखी अग्नि, गणेश व अर्घ्य सहित शिवलिंग की खंडित प्रतिमाएं इस स्थान की प्राचीनता के द्योतक हैं। देवी प्रतिमा के बगल में बारहवीं सदी के खरवार वंशी राजा महानायक प्रतापधवल देव का एक शिलालेख भी है। जो 212 सेमी लंबा व 38 सेमी चौड़ा है। शिलालेख विक्रम संवत 1225, ज्येष्ठ मास, कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी बुधवार, 16 अप्रैल 1169 का है। जिससे यह प्रतीत होता है कि यह शक्तिपीठ उस जमाने में भी ख्याति प्राप्त कर चुका था।

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