लोगों को डाटकर कर नहीं, प्यार से गुलाब देकर यातायात के नियम बताएगें अधिकारी

सड़क सुरक्षा को ले बैठक करते डीएम

लोगों से यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी चार फरवरी से सड़क पर उतरेंगे. जहां लोगों को डाटकर नहीं, बड़े प्यार से गुलाब के फुल देकर यातायात नियमों की जानकारी देगें. साथ ही नियमों को पालन करने के लिए लोगों से अपील करेंगे. इसकी तैयारी को लेकर जिलाधिकारी पंकज दीक्षित ने शनिवार को जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दी.

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उन्होंने कहा कि जिले में चार से 10 फरवरी तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनायी जायेगी. इसके लिए अधिकारी सक्रिय रहे. लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देकर हर हाल में पालन करने के  लिए प्रेरित करे. उन्होंने कहा कि तेज गति व लापरवाही के कारण प्रतिदिन हादसों का शिकार हो रहें हैं. प्रति वर्ष सड़क दुर्घटना में लगभग 48.06 प्रतिशत लोगों की जान चली जाती है. जिसमें अधिकांश युवा ही होते है. जिनकी आयु 14-35 वर्ष के मध्य रहती हैं. सड़क दुर्घटना की कीमत चालक के परिवार के अलावा देश को भी चुकानी पड़ती है. इस लिए यातायात नियमों का पालन हर लोगों को करना चाहिए. जिससे सड़क दुर्घटना से बचा जा सके. इसके अलावा ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कला जत्था की विविध टीम भी भाग लेगी. जहां कई सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी.

इस अभियान में जिला प्रशासन, परिवहन विभाग, यातायात पुलिस, सार्वजनिक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, सड़क सुरक्षा सोसायटी आदि विभाग के अधिकारियों की अहम भूमिका होगी.बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी मो. जियाउल्लाह सहित कई अधिकारी उपस्थित थ .

ये नियमों का करना होगा सख्त पालन:

वन वे- जब आप किसी एक दिशा मे गाड़ी चला रहे होते है, तो ध्यान रखें की आप सही दिशा मे ही गाड़ी को चलाएं. गलत दिशा में गाड़ी चलाने से एक्सीडेंट होने का ख़तरा बढ़ जाता है. इसलिए वन वे पर सावधानी पूर्वक गाड़ी चलाना चाहिए.

ओवेरटेक ना करे- जल्दी पहुँचने की चाह में कभी भी गाड़ी ओवेरटेक नहीं करें, जो की काफ़ी ख़तरनाक होता है. किसी बड़ी गाड़ी को ओवेरटेक करने से पहले भली भांति जांच ले कि आपके ओवेरटेक करने से आपको ओर दूसरे चालकों को परेशानी ना हो.

यू टर्न- यू टर्न लेना बहुत ज़्यादा रिस्की होता है. बीच सड़क में अगर आप यू टर्न लेते हैं, तो ख़तरा कई गुना बाढ़ जाता है. यू टर्न लेने के लिए ज़रूरी है की पहले सड़क के किनारे अपने वाहन रोके और अपने पीछे का ट्रॅफिक देखे, जब ट्रैफिक साफ हो तो यू टर्न लें.

स्पीड लिमिट- वाहन को हमेशा स्पीड लिमिट में ही चलाने चाहिए. अगर स्पीड लिमिट 45 km/hr है, तो वहां आप गाड़ी की स्पीड 45 से उपर ना रखें.

हैण्ड सिग्नल और इंडिकेटर- रोड बदलने के समय हांथ से इशारा देना या इंडिकेटर देना सही होता है. अगर आप दाहिने दिशा मे जा रहे हैं तो दाहिना इंडिकेटर या दाहिने हांथ का प्रयोग करें.

लगातार हॉर्न न बजाएं- वाहन चलाते समय लगातार हॉन न बजाए. जहां हॉन बजाने की जरूरत हो वही पर हॉन बजाए. कुछ लोगो को ये लगता है कि ज़्यादा हॉर्न का प्रयोग करेंगे तो ट्रेफिक खुल जाएगा या सामने ट्रैफिक साफ हो जाएगा, पर यह ग़लत है. अत्याधिक हॉर्न का प्रयोग करने ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है.

रिपोर्ट- मंतोष पटेल

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