अस्थमा और थाइराइड जैसी 7 बीमारियों को जड़ से खत्म करता है सिंघाड़ा.. खाने का सही तरीका जान लीजिए

सर्दी का मौसम आ गया है व इसी मौसम में पानी फल के नाम से प्रसिद्ध सिंघाड़े में बहुत ज्यादा आते है जिसका खाने में एक अलग स्वाद है. सिंघाड़ा यानि वाटर चेस्टनट जो स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी है. यों तो सिंघरे का सेवन कई तरह से किया जाता है जैसे व्रत में सिंघाड़े के आटे की पूड़ियाँ और हलवा बना कर खाया जाता है इसे कच्चा खाने का भी अपने एक अलग ही मजा है कुछ लोग इसे उबाल कर चटनी के साथ भी खाते है चाहे जैसे हो सिंघाड़ा खाना बहुत ही लाभप्रद होता है उनलोगों के लिए जो अस्थमा, आँख, बवासीर या नजला के बीमारी से ग्रसित है.

जी हाँ विटामिन ए, साइट्रिक एसिड, फॉस्फोरस, प्रोटीन निकोटीनिक एसिड, विटामिन सी, मैंगनीज कार्बोहाइड्रेट, ऊर्जा, फाइबर, कैल्शियम, एट, आयरन, पोटेशियम, सोडियम, आयोडीन, मैग्नीशियम इसमें भरपूर मात्रा में होते है. कई पोषक तत्व स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करते हैं.

अस्थमा- सिंघाड़ा दमा रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. इस फल की नियमित सेवन करने से सांस संबंधी समस्या से राहत मिलती है.

थायराइड- सिंघाडा भी आयोडीन की कमी को कम करता है. यह गले की बीमारियों और थायराइड ग्रंथि को राहत देता है.

दर्द व सूजन से आराम – शरीर में किसी भी जगह पर दर्द या सूजन होने पर सिंघाड़े का लेप बनाकर लगा सकते हैं.

ब्लड प्यूरीफायर – सिंघाड़ा ब्लड प्यूरिफायर का कार्य करता है. इसके गुण रक्त को साफ करते हैं और त्वचा को निखारता हैं.

महिला सेहत के लिए रामबाण – स्त्रियों की स्वास्थ्य के लिए भी सिंघाडा बहुत अच्छा है. पीरियड्स, प्रेग्नेंसी,यूरिन प्रॉब्लम आदि में सिंघाड़ा बहुत लाभकारी है. इसका सेवन करने से मां व बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं.

सिंघाड़ा बवासीर या कब्ज रोगियों के लिए फायदेमंद होता है – अगर किसी को बवासीर की समस्या हो या पेट में कब्ज रहती हो तो उन्हें सिंघाड़ा खिलाना चाहिए इससे काफी फायदा मिलता है. सिंघाड़ा नियमित खाईये बस बवासीर की परेशानी एवं कब्ज दोनों दूर हो जाएगी. अगर कच्चे सिंघाड़े न मिले तो आप सिंघड़े का आटा की रोटियां बना कर भी खा सकते है.

सिंघारा मांसपेशियां को मजबूत बनता है – अगर किसी की मांसपेशियां कमजोर हो गयी हो चलने फिरने एवं हाथ से सरे कम करने में परेशानी होती हो तो एसे लोगों को सिंघरे की रोटी बना कर या कच्चा सिंघारा खिलाना चाहिए. इससे मांसपेशियां का वीकनेस दूर हो जाता है साथ नसों में भी मजबूती आती है.

सूखा हुआ सिंघाड़ा

गले की इन्फेक्शन दूर करता है – सिंघाड़ा में आयोडीन भरपूर मात्रा में पाये जाते है जो गले में इन्फेक्शन, घेघा आदि की सिकायत वाले रोगी को सिघारे के आते को दूध में मिला कर पिलाने से गले की सभी तरह के इन्फेक्शन और में लाभ देता है.

सिंघाड़ा आंखों की रोशनी के लिए रामबाण है – जी हां सिंघाड़ा में विटमिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यही वजह है की अगर किसीके आखों की रौशनी कम हो रही हो और असमय ही कम दिखाई देने लगी हो तो एसे लोगोंग को सिंघारा खिलाईये उनके आँखों वापस आने लगेगी.

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