कोरोना के संक्रमण के रोकथाम और इलाज के लिए राजधानी पटना के कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के इंडोर स्टेडियम में 100 बेड का अत्याधुनिक अस्थाई अस्पताल बनाया गया है. बेड के पास ऑक्सीजन की मशीन लगाई गयी है. इस आईसोलेशन वार्ड में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी है. वहीं, संस्था के तरफ से खाने-पीने की व्यवस्था भी की गयी है. साथ ही कपड़े धोने के लिए अत्याधुनिक मशीन लगाये गए है.
सूबे में जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ते जा रहे है. आने वाले समय में आशंका व्यक्त की जा रही है यह संख्या काफी बढ़ेंगी. ऐसे में जिस सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 इलाज का सुविधा है, वहां बेड की कमी पड़ सकती है. ऐसे में मॉडरेट पेशेंट को यहाँ लाकर ठीक किया जा सकता है. हालांकि सीवियर लक्षण होने पर आईसीयू की जरूरत पड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ेगा. जैसा कि दिल्ली, मुम्बई जैसे शहरों के अस्पतालों में बेड की कमी महसूस की जा रही है. ऐसे में राज्य सरकार के सहयोग से गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में कोरोना वार्ड और एचआइवी संक्रमितों के इलाज में सहयोग करने वाले अंतरराष्ट्रीय मानवीय चिकित्सा संगठन डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए पाटलिपुत्र स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स के इंडोर स्टेडियम में सौ बेड का यह अस्पताल बनाया है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को इसका उद्घाटन करना था, हालांकि, किन्हीं कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया है. सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि इंडोर स्टेडियम में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स संगठन ने सौ बेड लगाए हैं. इनमें से 10 पर ऑक्सीजन की सुविधा है. यह उपकरण वातावरण से ऑक्सीजन लेकर उसे कंसट्रेट कर रोगी को देता है. अस्थायी अस्पताल में डॉक्टर, नर्सों के अलावा संगठन की तीन एंबुलेंस रहेंगी जो कि संक्रमितों को उनके घर से लेकर आएंगी. यदि कोई गरीब मरीज होगा तो एंबुलेंस उन्हें ठीक होने पर घर तक पहुंचाएगी. संगठन के 180 डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ और कर्मचारी मरीजों की देखरेख करेंगे.
बता दें कि पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स राज्य का एकमात्र ऐसा स्पोर्टस कॉम्पलेक्स है जहां सामान्य दिनों में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय से लेकर राज्य स्तर के खेल प्रतियोगिता प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, साथ ही खेल प्रशिक्षण शिविर भी लगते रहते हैं. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के परिसर का इस्तेमाल कभी भी किसी खेल के अलावा किसी और काम के लिए नहीं किया जाता है. विभागीय निर्देश के मुताबिक गैर खेल गतिविधियों के लिए नहीं किए जाना अपराध माना जाएगा. लेकिन कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार का कहना है हमने ये फैसला वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए लिया है जो अति विशेष परिस्थिति है.