रोहतास के लाल राकेश को वीरता के लिए पुलिस पदक

इस साल स्वतंत्रता दिवस पर देशभर के विभिन्न पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कुल 926 अधिकारियों को प्रतिष्ठित पुलिस पदक के लिए चुना गया है. जिसमें गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई सूची में रोहतास जिले के रोहतास प्रखंड के अकबरपुर निवासी सीआरपीएफ के सहायक कमांडेट राकेश रमण को भारत सरकार द्वारा वीरता के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया है. यह जिले के लिए गौरव की बात है. 2018 में इन्हें राष्ट्रपति द्वारा ‘पराक्रम पदक’ से भी सम्मानित किया गया था.

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अकबरपुर निवासी मिथिलेश्वर दास व इंदु बाला के पुत्र राकेश रमण 2016 में जम्मू कश्मीर में लशकर ए तैयबा के तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को एक भीषण मुठभेड़ में मार गिराया था, जिसके लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है. आतंकवादियों के विरुद्ध इस अभियान में राकेश गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनका इलाज जम्मू के ही सरकारी अस्पताल में कराया गया. पिता मिथिलेश्वर दास ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा आदेश जारी कर पुलिस पदक प्रदान किया गया है, जो सिर्फ हमारे ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के लिए गौरव की बात है.

फाइल फोटो: जवान राकेश रमन अपने टीम के साथ.

राकेश 2009 में सीआइएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर योगदान किए थे. यूपीएससी सीपीएफ 2010 की परीक्षा पास कर सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बने. पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हुई. बचपन से ही सेना में जाकर देश की सेवा करने की इच्छा राकेश के मन में थी. सीआरपीएफ के प्रशिक्षण के दौरान राकेश को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु तथा शिल्प और रणनीतिकार का भी पुरस्कार मिला चूका है.

फाइल फोटो

आपको बता दें कि राकेश रमन एक मध्यवर्गीय परिवार से हैं, जिनके पिताजी मिथलेश दास ट्यूशन पढ़ाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे. चार भाई-बहनों में से सबसे बड़े राकेश बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा रोहतास हाईस्कूल से हुई. उसके बाद वे डाल्टेनगंज डीएवी स्कूल में स्पोर्ट टीचर के रूप में बच्चों को शिक्षा दिया कुछ दिनों तक ऑल इंडिया रेडियो डाल्टेनगंज में भी एनाउंसर के रूप में कार्य किए थे.

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