रेलमंत्री ने सासाराम स्टेशन पर पढ़ने वाले छात्रों को सुविधा बढ़ाने का दिया भरोसा

सासाराम स्टेशन पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों का अब अच्छे दिन आने वाले हैं. आने वाले दिनों में प्लेटफॉर्म पर सुबह-शाम बैठ कर तैयारी करने वाले छात्रों पर रेलमंत्री पीयूष गोयल मेहरबान हुए हैं. यहां के छात्रों को मिली सफलता व तैयारी को मंत्री ने अपने ऑफिसियल ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट कर उन्हें रेलवे की तरफ से हर संभव सहायता करने की बात कही है.

बता दें कि डेढ़ दशक पूर्व जब जिले में बिजली की किल्लत थी, उस समय रेलवे स्टेशन के आसपास रहने वाले कुछ युवाओं ने स्टेशन की लाइट में आकर पढ़ना शुरू किया था. इनमें से अधिकांश के पास न तो कोचिंग का खर्च वहन करने का साम‌र्थ्य था, न ही प्रतियोगी पुस्तकें खरीदने को पैसे. जिसके बाद समूह बना अलग-अलग पुस्तक खरीदकर आपस में बांटकर पढ़ने की आदत शुरू हुई. आज जब बिजली में सुधार हुई है, तब भी स्टेशन पर आकर पढ़ाई करना एक परंपरा जैसी बन गई है. ये प्रतिभागी बैकिंग, रेलवे, एसएससी, यूडीसी, टेक्नीशियन आदि की परीक्षा में कामयाबी हासिल की है. यहाँ आकर पढ़ाई करने वालों में रोहतास जिले के साथ-साथ कैमूर, औरंगाबाद जैसे पड़ोसी जिलों के अलग-अलग गांवों सासाराम में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करने वाले युवा छात्र हैं.

सासाराम स्टेशन पर पढ़ाई करते छात्र

इन प्रतियोगी छात्रों की सफलता व छात्रों की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या को लेकर अधिकारी भी समय-समय पर कायल रहे हैं. लगभग दो वर्ष पूर्व रेल पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से छात्रों को तैयारी करने में कोई दिक्कत न हो, इस उद्देश्य से पहचान पत्र उपलब्ध कराया था. साथ ही रेलवे की संरक्षा व सुरक्षा में पुलिस को हमेशा सहयोग करने की उम्मीद जताई थी. जिस पर ये छात्र खरे भी उतर रहे हैं. तकरीबन पांच सौ से अधिक छात्रों को तत्कालीन रेल एसपी जीतेंद्र मिश्रा ने आइकार्ड उपलब्ध कराया था. इसके अलावा देश के जाने-माने कवि डॉ. कुमार विश्वास भी इन छात्रों के मेहनत, लगन व सफलता की प्रशंसा कर चुके हैं.

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वहीं रेलमंत्री के निर्देश पर विभागीय अधिकारियों ने पिछले माह 31 दिसंबर को यहां पहुंच प्लेटफार्म पर तैयारी कर रहे छात्रों से बात कर वस्तुस्थिति से अवगत हुए थे. प्रतियोगी छात्रों की मानें तो यहां यात्रियों की लगातार आवाजाही व शोरगुल के बाद भी पूरा माहौल शैक्षणिक है. यहां प्रश्नोत्तरी, क्विज, सेट व ग्रुप डिस्कशन आदि से उनमें प्रतियोगिता की भावना विकसित हो रही है. ट्रेन के आने-जाने से एकाग्रता में कमी नहीं आती.

स्टेशन पर पढ़ाई कर सफल होने वालों में विपिन कुमार, अमरेंद्र कुमार सिंह, कन्हैया कुमार, सहेंद्र कुमार सिंह, मुन्ना कुमार, पिंटू कुमार, मणिकांत, ज्योति प्रकाश, हरेंद्र राम, संजय कुमार, मिथिलेश कुमार, चंदन कुमार गुप्ता, ओमप्रकाश सिंह, गुंजन कुमार सिंह, बृजलाल कुमार, राजनारायण कुमार, कृष्णकांत कुमार, अजय कुमार, अशोक कुमार, ओमप्रकाश समेत ऐसे छात्रों की एक अब एक लंबी फेहरिस्त है, जो यहां के प्लेटफार्म पर तैयारी कर सफलता का प्लेटफार्म तैयार किए.

सासाराम स्टेशन पर पढ़ाई करते छात्र

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, “बिहार के सासाराम स्टेशन पर युवाओं की टोली प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर अपने भविष्य संवारने में जुटे हैं. रेलवे की ओर से इन युवाओं को सहयोग कर इनके सपने को सच होने के लिए मदद की जा रही है.”

वहीं सासाराम स्टेशन प्रबंधक उमेश कुमार ने कहा कि, रेलवे स्टेशन पर प्रतियोगी छात्रों को तैयारी करने में भरपूर सहयोग दिया जा रहा है. पिछले माह रेल डिविजन के अधिकारियों ने सर्वे कर अपना रिपोर्ट आला अधिकारी को सौंप दिया है. विभाग से जो निर्णय होगा, उसे स्थानीय स्तर पर अमल में लाया जाएगा.

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