कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने अपनी रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का फैसला किया है. रेलवे के खाली लगभग डेढ़ लाख पदों को भरने के लिए तकरीबन ढाई करोड़ लोग परीक्षा देंगे. आवेदकों को बीते दो वर्षों से इस समय का इंतजार था. परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में किया जाएगा जबकि पहले चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा 15 दिसंबर को होगी. अधिकारियों की मानें तो भारतीय रेलवे ने इस बाबत अपनी तैयारियां पूरी कर ली है.
रेलवे बोर्ड के मानव संसाधन निदेशक आनंद के. खाती ने बताया कि भर्ती की परीक्षा तीन चरणों में होगी. पहले चरण की परीक्षा 15 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच चलेगी जिसके लिए ई-कॉल लेटर 11 दिसंबर की शाम चार बजे से डाउनलोड किया जाने लगा है. इसमें आइसोलेटेड एंड मिनिस्टीरियल कटगरी के स्टेनोग्राफर, शिक्षकों और अनुवादकों के 1663 पदों के लिए 1.03 लाख परीक्षार्थी परीक्षा देंगे. इनके लिए कुल 354 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. दूसरे चरण की परीक्षा 28 दिसंबर से मार्च के मध्य तक चलेगी. इसमें कुल 35208 पदों के लिए 1.26 करोड़ लोगों ने आवेदन किया है. इसमें स्टेशन मास्टर, गार्ड, आफिस क्लर्क और कामर्शियल क्लर्क के पद हैं जबकि तीसरे चरण में ट्रैक मेंटेनर्स, प्वाइंट्समैन और लेवल वन के कर्मचारियों के लिए परीक्षा होगी। इस वर्ग में कुल 1.04 लाख पद हैं. इसके लिए 1.15 करोड़ लोगों ने आवेदन किया है. इसकी परीक्षा उक्त दोनों वर्गों की परीक्षा खत्म होने के बाद कराई जाएगी. रेलवे के मुताबिक यह परीक्षा सामान्य तौर पर अप्रैल में कराए जाने की संभावना है.
रेलवे भर्ती बोर्ड ने इन भर्ती परीक्षाओं को कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित कराने के सख्त निर्देश दिए हैं. परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने से पहले ‘फिट’ होने की पुष्टि वाले प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे. साथ ही पूरे समय में मास्क पहनना अनिवार्य होगा. अगर किसी अभ्यर्थी का तापमान सामान्य से अधिक निकलता है तो उसे दोबारा परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा. इसके अलावा अभ्यर्थियों को उनके गृह राज्य में ही परीक्षा केंद्र देने की कोशिश की गई है. बहुत कम अभ्यर्थियों को ही गृह राज्य के बाहर जाना होगा. महिलाओं और दिव्यांगों के लिए उनके गृह राज्य में ही परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. परीक्षा के लिए रेलवे ने विशेष ट्रेनों को चलाने की भी व्यवस्था की है.