कभी देश के औद्योगिक मानचित्र पर चमकते रोहतास उद्योग समूह की बंदी से निराश मजदूरों के बीच एक बार फिर से खुशी की लहर देखने को मिल रही है. पूर्व मध्य रेलवे द्वारा क्रय किए गए रोहतास उद्योग समूह के कबाड़ को पुन: निर्धारित दर 74 करोड़ में बिक्री हो गई है. कोलकाता की कंपनी एम जंक्सन सर्विस लिमिटिड ने कबाड़ को क्रय किया है. उक्त कम्पनी को तीन माह के अंदर कबाड़ हटाने का निर्देश दिया गया है.
कभी डालमियानगर को उद्योग समूह के मानचित्र पर लाने के लिए मजदूरों और मालिक रामकृष्ण डालमिया ने काफी मेहनत किया था, लेकिन 1984 में डालमिया उद्योग समूह की बंदी और उसके बाद 1990 में पीपीसीएल की बंदी से मजदूरों का रोजगार छिन गया. एक बार पुनः रेलवे द्वारा उद्योग समूह के पुनर्जीवित करने की आस लोगों में जगी है. यहां की हालत सर्वविदित है कि अनुमंडल क्षेत्र में रोजगार का कितना अकाल है पलायन आज भी जारी है.
क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के मुताबिक राइट्स ने कबाड़ बेचने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. गत 24 अप्रैल को कोलकाता की कम्पनी को तीन माह के अंदर कबाड़ हटाने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि, 2008 में कबाड़ का दर 129 करोड़ मूल्यांकन किया गया था. नौ वर्षों के बाद कोई भी एजेंसी इतनी राशि देने को तैयार नहीं हो रही थी, जिस कारण कबाड़ बेचने में बाधा आ रही थी. गत 23 जून को रेलवे द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में कबाड़ की दर को पुनर्निर्धारित करने का निर्णय लिया गया था.
श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि, हर हाल में डालमियानगर में रेल कारखाना लगेगा. जुलाई माह में शिलान्यास की तैयारी की जा रही है. राइट्स के साथ समय-समय पर बैठक कर उसकी प्रगति की भी समीक्षा हो रही है.
गौरतलब है कि रेल कारखाना लगाने की जिम्मेवारी रेलवे ने राइट्स को दिया है. राइट्स ने अपना कार्य प्रारंभ कर दिया है. रेलवे द्वारा डालमियानगर में क्रय किए गए रोहतास इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 219 एकड़ भूमि में रेल कारखाना स्थापित करेगा.