पर्यटन के लिहाज से भी इन्द्रपुरी डैम काफी महत्वपूर्ण है. इंद्रपुरी बराज के पास जल संसाधन विभाग ने ढाई करोड़ की लागत से ईको पार्क का निर्माण कराया है. इसका लोकापर्ण भी जल्द होगा. यहां ठंड के मौसम में साइबेरियन पक्षी सहित कई प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. ऐसे में यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है. बिहार में पक्षियों की गिनती के बाद आए आकंडा के मुताबिक इन्द्रपुरी डैम जलीय पक्षियों के निवास के लिए राज्य में दूसरे स्थान पर हैं. जहां 2641 जलीय पक्षी निवास करते हैं.
राज्य के 68 वेटलैंड में पहली बार हुई पक्षियों की गिनती में यह संख्या सामने आयी है. यह गणना वेट लैंड इंटरनेशनल संस्था के सहयोग से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने करवायी है. जिसने बिहार के अलग-अलग हिस्से में स्थित चौर, नहर व डैम में भी पक्षियों का सर्वे किया था. गणना के मुताबिक, राज्य में 202 प्रजातियों के 45,173 पक्षी निवास करते हैं. सबसे ज्यादा जलीय पक्षियों की 80 प्रजातियां हैं, जिनकी संख्या करीब 39,937 है. जिनमें लैसर ह्विस्लिंग डक, एशियन ओपेन बिल्ड स्ट्रोक, लिटिल कोर्मोरेंट तथा कॉमन कूट गढ़वाल आदि शामिल हैं.
ऐसे जिले जहां एक हजार से अधिक की संख्या में जलीय पक्षी मिले है, उनकी संख्या भी बिहार में कम नहीं. सबसे पहले नंबर पर कटिहार के गोगाबील झील में 4973 जलीय पक्षी निवासी करते हैं, जबकि दूसरे नंबर पर रोहतास-औरंगाबाद के सीमा पर स्थित इंद्रपुरी बैराज में 2641 एवं तीसरे नंबर पर जमुई के नागा-नकटी डैम में 2430 जलीय पक्षी निवासी करते हैं. मगध प्रमंडल के कई जिले ऐसे हैं जहां जलीय पक्षियों की संख्या बहुत कम है. मसलन नवादा के कुलमहादेव डैम में तीन, गया के सीता डैम में 24 जलीय पक्षी मिले है. पुष्करणी लेक, नालंदा में 29 जलीय जीव मिले हैं.