PM मातृ वंदना योजना में रोहतास जिला राज्य में अव्वल

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत जनवरी 2017 से लागू हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना का लाभ देने में रोहतास जिले को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. इस योजना के तहत 12 जून 2020 तक जिले ने लक्ष्य के विरूद्ध 119 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है. आईसीडीए की डीपीओ सुनीता ने बताया कि 12 जून तक जिला वार योजना की वर्तमान स्थिति से सभी जिले को अवगत कराया गया है. जिले में कुल 3388 आंगनबाड़ी केंद्र क्रियाशील है. जिसमें प्रति आंगनबाड़ी केंद्र 15 महिलाओं को लाभ दिलाने के लक्ष्य के अनुसार कुल 50820 लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.

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जिले में लक्ष्य के विरूद्ध 12 जून तक 60361 लाभुकों का विवरण कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में फीड किया गया है जो लक्ष्य का 119 प्रतिशत है. जो राज्य में सर्वाधिक है. वहीं, 118 प्रतिशत के साथ समस्तीपुर दूसरे तथा 117 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर औरंगाबाद ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है. डीपीओ ने बताया कि संस्थागत प्रसव में इजाफ़ा एवं गर्भवती महिलाओं को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गयी है. इस योनजा के तहत प्रथम बार मां बनने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ उनके बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा है. प्रति आंगनबाड़ी केंद्र के क्षेत्र में प्रथम बार मां बनने वाली 15 महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत लाभ दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. डीपीओ ने बताया कि जो भी गर्भवती महिला इस योजना में आवेदन करने की इच्छुक है उन्हें आंगनवाड़ी तथा स्वास्थ्य केंद्र में जाकर तीन आवेदन फॉर्म भरने होंगे. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना या प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना 2020 में आवेदन के लिए गर्भवती महिलाओ को आंगनवाड़ी या निकट स्वास्थ्य केंद्र में जाकर पंजीकरण फॉर्म भरकर जमा कराना होगा. इस योजना का लाभ पहले जीवित बच्चे को जन्म देने पर ही गर्भवती महिलाओ को प्राप्त होगा. इस योजना के अंतर्गत वही गर्भवती महिलाये आवेदन कर सकती है जिनकी उम्र 19 साल या उससे अधिक है.

गर्भवती महिलाओ को मिलने वाली धनराशि 5000 रूपये तीन किश्तों में दी जाती है. पहली किश्त 1000 रूपये गर्भवती महिलाओ को आंगनवाड़ी तथा स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण कराने के बाद मिलता है. इसके बाद दूसरी किश्त 2000 रूपये गर्भधारण के 6 महीने के अंदर प्रयोगशाला में जांच कराने के बाद दिए जायेगे व तीसरी किश्त 2000 रूपये बच्चे के जन्म पंजीकरण तथा टीकाकरण जैसे (बीसीजी, डीपीटी, ओपीवी) आदि के बाद दिए जायेगे.

बता दें कि 2 अगस्त 2019 तक जिले ने लक्ष्य के विरूद्ध 83 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर राज्य में तीसरा स्थान हासिल किया था. 2 अगस्त 2019 तक संलग्न विवरण के अनुसार जिले में क्रियाशील 2740 आंगनबाड़ी केंद्र में प्रति आंगनबाड़ी केंद्र 12 महिलाओं को लाभ दिलाने के लक्ष्य के अनुसार कुल 32880 लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. जिले में लक्ष्य के विरूद्ध 2 अगस्त तक 27300 लाभुकों का विवरण कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में फीड किया गया है.

विभाग की जिला प्रोग्रम पदाधिकारी सुनीता की माने तो कोरोना महामारी काल में जिले की सभी आंगनवाड़ी सेविकाएं सर्वे कार्य में लगाई गई थी. सर्वे के अलावे घर-घर जाकर जगरूकता सहित अन्य विभागीय कार्य भी उन्हें सौंपे गए थे. ऐसी स्थिति में उन्हें गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों से मिलने का बार-बार मौका मिलता था. जिससे जानकारी प्राप्त करने के साथ लाभुकों से आवेदन भरवाकर लेने में सहुलियत हुई. आईसीडीएस के अधिकारी और कर्मियाें ने काफी ईमानदारी के साथ मेहनत किया है.

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