सिविल सर्जन डॉ सुधीर कुमार द्वारा गत दिनों 23 लिपिक और 37 एएनएम का किए गए पदस्थापना में अनियमितता की शिकायत पर डीएम धर्मेंद्र कुमार ने रोक लगा दी है. जिलाधिकारी ने स्थानांतरण आदेश के क्रियान्वयन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि स्थानांतरित किसी भी कर्मी को अगले आदेश तक विरमित ना करें. डीएम ने कहा कि विभिन्न स्त्रोतों से स्थानान्तरण आदेश में अनियमितता की शिकायतें मिली है. अनेक अल्प अवधि से पदस्थापित लोगों का स्थानान्तरण कर दिया गया है, जबकि काफी समय से पदस्थापित कर्मियों का स्थानान्तरण नहीं किया गया है.
विभाग के स्थानान्तरण के इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाने के साथ डीएम ने डीडीसी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम गठित कर तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट मांगा है. इस टीम में डीडीसी के अलावे जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भी शामिल होंगे. डीएम की इस कार्रवाई को ले स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मचा हुआ है. वहीं सिविल सर्जन को स्थानांतरण संबंधित संचिका व जांच कमेटी द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन के साथ 13 जुलाई को इस पूरे मामले की स्पष्ट मंतव्य देने के लिए कहा गया है.
विदित हो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक लंबे अरसे बाद जिला के सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में पदस्थापित 37 एएनएम व 23 लिपिकों व सामान्य कर्मियों का तबादला कर दिया गया है. लेकिन विभिन्न स्रोतों व स्थानांतरित हुए कर्मियों को ले अनियमितता की शिकायतें कई स्थानों से मिल रही थी. इस तरह की सूचना जिला के वरीय अधिकारियों के पास भी गई. जिसमें मुख्य रूप से कई कर्मियों का अल्प अवधि में पदस्थापित होने के बावजूद स्थानांतरण कर दिया गया तो कई वैसे कर्मी जो वर्षों से अपने पदों पर जमे हैं, उनका स्थानांतरण नहीं किया गया है. इस तरह की कई शिकायतें स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय स्थित अधिकारियों के पास भी पहुंची है. इसके बाद डीएम ने इस पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पहले स्थानांतरण पर रोक लगाई तो जांच कमेटी गठित कर तीन दिनों में रिपोर्ट भी तलब की है.