रोहतास: 355 साल पुराने बेर साहिब की विशेष देखरेख करेगा वन विभाग

सासाराम के ऐतिहासिक गुरुद्वारा चाचा फग्गुमल साहिब जी परिसर में स्थित 355 साल पुराने सिख गुरू तेगबहादुर सिंह महाराज की निशानी बेर साहिब की विशेष देखरेख वन विभाग करेगा. इसे लेकर शनिवार को डीएफओ प्रद्युमन गौरव ऐतिहासिक गुरुद्वारा चाचा फग्गुमल साहिब जी में पहुंचे और बेर साहिब का अवलोकन किया. डीएफओ ने 355 साल पुराने बेर साहिब को देखकर कहा कि इस वृक्ष को सूखने व रोगों से बचाने के लिए प्रयास करना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि इनका संरक्षण बहुत जरूरी है. पेड़ के तने सूखे नहीं और यह फलदार वृक्ष दीर्घायु हो, इसके लिए इसके जड़ में कुछ औषधि डालना जरूरी है. शीघ्र ही औषधि के साथ वन विभाग की टीम आकर बेर साहिब की जड़ में आवश्यक पोषक तत्वों वाली औषधि डालेगी. उन्होंने बताया कि इस पुराने वृक्ष के आसपास सुंदरीकरण होगा. साथ ही वृक्ष से सैम्पल लेकर नर्सरी में रखा जायेगा. सहायक प्लांट अफसर संजय कुमार एवं एसके शर्मा आदि ने पेड़ का सूक्ष्म तरीके से अध्ययन करके कहा कि यह बेर साहिब पूरे बिहार के लिए गौरव है.

कहा जाता है कि सिख धर्म के नौवें गुरु तेगबहादुर महाराज जी ने अपनी माता नानकी व धर्मपत्नी गुजरी के साथ ‘सरबत द भला’ यात्रा के दौरान वाराणसी से पटना जाने के क्रम में वर्ष 1666 में 21 दिनों तक सासाराम में रुककर साधना की थी. इतिहास और जनश्रुति के अनुसार सासाराम प्रवास के दौरान गुजरी माता के गर्भ में उस वक्त गुरु गोविंद सिंह पल रहे थे. उसी यात्रा के क्रम में पटना में उनका जन्म हुआ था. सासाराम में आने के बाद नौवें गुरु ने संत चाचा फग्गुमल का आतिथ्य स्वीकार किया था. सतगुरु को स्थानीय राजा महाराजाओं से बेशकीमती भेंट के साथ संघत द्वारा दसवंध अपनी कमाई का दसवां भाग परोपकारी कार्यों के लिए मिला.

उसी में एक गरीब सिख महिला के घर से कूड़ा में ढूंढ़ने पर एक बेर फल मिला. सतगुरु ने अपने प्रवास स्थान के पास बेर के बीज का रोपण कर दिया था. उनके द्वारा रोपित 355 वर्ष पुराना बेर वृक्ष आज भी हरा-भरा है. जो एतिहासिक व दर्शनीय है. सिख धर्म के अनुयायी उसे बेर साहिब के नाम से पुकारते हैं. सासाराम निवासी परमजीत सिंह बताते हैं कि बौद्ध धर्म में महाबोधि वृक्ष जितना पावन है, उतना ही पावन सिख धर्म में सासाराम का बेर साहिब का है. यह वृक्ष सामान्य वृक्ष न होकर दुख दर्द का समूल विनाशक भी है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here