रोहतास का चूना-पत्थर भंडार सूबे के सीमेंट उद्योग के लिए संजीवनी बनेगा

रोहतास जिले का चूना-पत्थर भंडार सूबे के सीमेंट उद्योग के लिए संजीवनी साबित होगा. नौहट्टा व रोहतास प्रखंड में कई स्थानों पर वृहद चूना पत्थर का भंडार चिह्नित किया गया है, लेकिन खनन कार्य शुरू करने में वन विभाग के नियम का पेंच लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. हाल ही में विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में हुई सलाना बैठक में यहां के खनन कार्यों की समीक्षा की गई है. जिसमें सिर्फ रोहतास जिले में दो स्थानों पर बड़े पैमाने पर चूना पत्थर का भंडार चिह्नित किया गया है, जो सीमेंट उद्योग के लिए वरदान साबित होगा.

इसके अलावा भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण पर्षद (जीएसआइ) ने जिले में चूना-पत्थर के अलावा पायराइटस, पोटास, हीरा जैस खनिज पदार्थ के अकूत भंडार होने की संभावना जताई है. जिसका पता लगाने के लिए पिछले वर्ष जीएसआइ की टीम ने रोहतास, नौहट्टा व शिवसागर प्रखंड के कैमूर पहाड़ी की तलहटी में कई स्थानों पर खुदाई कार्य भी किया था.

ज्ञात हो कि, रोहतास जिले में चूना समेत पत्थर से जुड़े अन्य उद्योग के बंद होने का असर राजस्व पर भी दिख रहा है. खनिज पदार्थों के अभी कम उपयोग के कारण गत वर्ष एक अप्रैल से फरवरी 2018 तक महज 20 फीसद ही राजस्व की प्राप्ति हो पाई है, जो दिनोंदिन चिंता का विषय बनने लगा है. कारण कि जिले में जहां पत्थर उद्योग जून 2012 से ही बंद है, वहीं तीन दशक पूर्व रोहतास उद्योग समूह में शामिल सीमेंट कारखाना बंद होने के बाद अब केसीसीएल में भी गत छह माह से ताले लटक गए हैं. हालांकि अब कल्याणपुर सीमेंट फैक्ट्री को डालमिया उद्योग ने अधिग्रहित कर लिया है. यदि चूना-पत्थर खदान के वन क्षेत्र से मुक्त करा खनन कार्य प्रारंभ कर दिया जाए, तो रोहतास ही नहीं सूबे के अन्य जिलों में स्थापित सीमेंट फैक्ट्रियों को कच्चा माल आसानी से उपलब्ध होने लगेगा. वन क्षेत्र में पड़ने वाले खदानों को वन विभाग से मुक्त कराने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास भी शुरू कर दिया गया है.

रोहतास जिला स्थित कल्याणपुर सीमेंट फैक्ट्री

इस मामले पर रोहतास के प्रभारी डीएम ओमप्रकाश पाल कहते हैं कि, “रोहतास जिले में खनिज संपदा का अकूत भंडार है. कुछ क्षेत्र वन विभाग के अधीन होने के कारण वहां पर खनन कार्य की अनुमति देने में तकनीकी पेंच है. जिसे दूर करने का प्रयास प्रशासन की तरफ से जारी है. यहां पर चूना-पत्थर, पायराइट्स, पोटास, हीरा समेत अन्य खनिज पदार्थों के होने की भी सूचना है. इन खनिजों का लाभ जिले के लोगों को मिले व सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो, इस दिशा में कार्रवाई करने में प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा.

सोर्स- दैनिक जागरण

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