65वीं बीपीएससी में टॉपर बनने के बाद शुक्रवार की सुबह गौरव सिंह पहली बार अपने गांव शिवसागर प्रखंड के चमरहा पहुंचे. वाराणसी से सड़क मार्ग होते हुए वे गांव आये जहां बड़ी संख्या में लोगों ने ढोल नगाड़े बजाकर, आरती उतारकर और फूल बरसाकर उनका स्वागत किया. जीटी रोड से चमरहा गांव 6 किमी दूर है, परंतु गांव वाले बैंड-बाजे के साथ स्वागत के लिए जीटी रोड पर पहुंच गए थे.
स्वागत करने वालों में हर उम्र के लोग थे. जैसे ही गौरव की गाड़ी गांव के मोड़ पर पहुंची लोगों ने फूल-माला पहना उनका स्वागत किया. इसके बाद बैंड बाजे के साथ जुलूस की शक्ल में काफिला आगे बढ़ा. गौरव के स्वागत के लिए क्षेत्र के जन प्रतिनिधि भी पहुंचे थे. युवा अपनी बाइक से जुलूस के साथ चल रहे थे. रास्ते में गांव वालों ने तोरण द्वार बना रखे थे. जब गौरव अपने गांव पहुंचे तो घर पर मां, बहनों ने आरती उतारी. गौरव ने माता का चरण छूकर आशीर्वाद लिया. मां अपने बेटे की सफलता के बाद पहली बार मिलते हुए भावुक हो गईं.
मामा प्रकाश सिंह एवं दिवाकर सिंह ने बताया कि सुबह से बच्चे घर की सजावट में लगे थे. कल से ही लड्डू बन रहे हैं, पूरे गांव-जवार में लड्डू बांटे जा रहे हैं. BPSC का रिजल्ट 7 अक्टूबर को प्रकाशित हुआ था, उस समय गौरव पुणे में थे. उन्हें 10 अक्टूबर को UPSC की पीटी परीक्षा में शामिल होना था. परीक्षा देने के बाद वे वाराणसी पहुंचे, जहां से शुक्रवार सुबह सड़क मार्ग से अपने गांव पहुंचे. गौरव के गांव पहुंचने के बाद एक संक्षिप्त कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगों द्वारा उनका अभिनंदन किया गया. गौरव के आगमन को लेकर गांव के छात्र-युवाओं में विशेष उत्साह है. वे गौरव सिंह को अपना प्रेरणा स्रोत बता रहे हैं. गौरव ने कहा कि इस सफलता से अपने मम्मी और का सपना पूरा किया है. अपने परिश्रम और पढ़ाई के लिए लगातार मुझे मम्मी और मामा मेहनत के लिए प्रेरित करते रहे.