रोहतास के पहाड़ी क्षेत्र में बीते दिनों लगातार हो रही बारिश के वजह से दुर्गावती डैम में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था. पानी बढ़ने से डैम में बनी कई सीढ़ियां ध्वस्त हो गई हैं. पैरापेट भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. 2014 में बनकर पूरी हुई इस डैम में पहली बार जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा था. अब जलस्तर खतरे के निशान से घटने पर दुर्गावती डैम के गेट को गुरुवार को बंद कर दिया गया है.
डैम खोले रहने की वजह से नदी में जल का प्रवाह बढ़ गया था. जिससे पड़ोसी जिले कैमूर के कई प्रखंडों के गांव जलमग्न हो गए थे. इसी वजह से गेट पूरी तरह बंद कर दिया गया है. जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आफताब आलम ने बताया कि गुरुवार को जलस्तर खतरे के निशान से घटने के बाद अब डैम के गेट पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं. अब नदी में जीरो क्यूसेक पानी का प्रवाह डैम से है. नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया है. जिन क्षेत्रों में पानी घुस गया था, वहां से पानी कम होना शुरू हो जाएगा.
पिछले दिनों कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में लगातार बारिश से दुर्गावती डैम में जलस्तर बढ़ रहा था. पिछले मंगलवार को पानी खतरे के निशान को पार कर गया था. तब सुरक्षा की दृष्टि से डैम का गेट खोल कर 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. दुर्गावती नदी में पानी छोड़े जाने की वजह से कैमूर जिले के रामपुर, भगवानपुर, चांद और दुर्गावती प्रखंड में नदी का जलस्तर बढ़ने लगा था. इसकी जानकारी मिलने के बाद एक दिन पूर्व कैमूर के डीएम सावन कुमार दुर्गावती डैम पर पहुंचकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी. तब बुधवार आंशिक रूप से गेट को बंद कर नदी में जल प्रवाह को कम कर 1500 क्यूसेक किया गया था. गुरुवार को गेट को पूरी तरह बंद कर दिया गया है.
पिछले दिनों डैम का पैरापेट भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था. गुरुवार को डैम का निरीक्षण करने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अविनी कुमार, अधीक्षण अभियंता अजय कुमार, कार्यपालक अभियंता आफताब आलम और अन्य अधिकारी पहुंचे थे. आफताब आलम ने बताया कि मुख्य अभियंता ने पैरापेट के मरम्मत का निर्देश दिया है. इसे जल्द शुरू किया जाएगा.