रोहतास जिले के पहाड़ी क्षेत्र से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला प्रकाश में आया है. चाइल्ड लाइन की टीम ने रोहतास थाना क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र से 8 नाबालिग बच्चियां को बरामद किया है. झारखंड के एक दलाल को भी पकड़ा गया है. बतातें है कि वह इन बच्चियों को मीशनीरी में ही ले जा रहा था. बच्चियों के पास से कई फर्जी आधार कार्ड मिले हैं. कई पहलुओं को ध्यान में रखकर पुलिस जांच कर रही है. सभी 8 बच्चियों को मंगलवार को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया.
चाइल्डलाइन सब सेंटर की निदेशक सविता डे ने कहा कि रोहतास थाने के पीपराडीह गांव में एक घर से 8 बच्चियों को छुड़ाया गया है. इनके साथ झारखंड के रहने वाले बिचौलिया को भी पकड़ा गया है. जिसका नाम राम बरन उरांव बताया जाता है, जो झारखंड के गढ़वा का रहने वाला है और उसका संबंध इसाई मशनीरी है. सविता डे के मुताबिक बिचौलिया राम बरन उरांव ने उनको बताया कि रेहल, हरैया, कोरियारी, नागा टोली और कपरफुट्टी समेत अन्य गांवों की 59 आदिवासी लड़कियों को ट्रेन से सोमवार को ही नागपुर भेजा गया है. इन आठ लड़कियों को मंगलवार को नागपुर भेजना था, जिन्हें बचा लिया गया है. इन लड़कियों में सात की उम्र 14 से 17 साल है.
सविता डे ने बताया कि बिचौलिया उरांव के मुताबिक गरीब आदिवासी परिवारों को भरोसा दिया गया था कि उनकी बच्चियों को मुफ्त में अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाया जाएगा और कम्प्यूटर के साथ-साथ रोजगार की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. बताया जाता है कि सोमवार को आरपीएफ को जानकारी मिली कि कुछ बच्चियों को दीक्षा-भूमि ट्रेन से नागपुर ले जाया जा रहा है. आरपीएफ की छापेमारी में एक बच्ची को बरामद कर लिया गया. बच्ची को चाइल्ड लाइन लाया गया.
जहां उसने रोहतास के पिपरडिह गांव में अन्य बच्चियों के रखे जाने की बात कही. तब चाइल्ड लाइन ने देर रात पिपिरडिह गांव के पास से आठ बच्चियों को मुक्त कराया. मामले में पूछे जाने पर एसपी आशीष भारती ने कहा कि चाइल्ड लाइन द्वारा आठ बच्चियों को कैमूर पहाड़ी क्षेत्र से मुक्त कराया गया है. एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है, जिसका संबंध अनुग्रह सेवा मंडल नामक संस्था से है. मामला इसाई मशीनरी से जुड़ा है या नहीं अभी नहीं कहा जा सकता. मामले की जांच की जा रही है.