रोहतास: शराब पीने के मामले में क्लर्क को अनिवार्य सेवानिवृत्ति, डीएम के कार्रवाई से मचा हड़कंप

शराब सेवन मामले में जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कोचस प्रखंड कार्यालय में कार्यरत लिपिक संतोष कुमार सिंह के विरुद्ध अनिवार्य सेवानिवृति की कार्रवाई की है. जिलाधिकारी के इस कार्रवाई से कलेक्ट्रेट संवर्ग के अन्य कर्मियों में हड़कंप मच गया है. सरकारी कार्यालयों में इसकी चर्चा हो रही है. जिलाधिकारी का नये वित्तीय वर्ष में यह पहली कार्रवाई मानी जा रही है. यानी अब कार्रवाई का शिलशिला शुरू हो चुका है.

बताया गया कि जिला का ये पहला ऐसा मामला है, जब शराब पीने के मामले में पकड़े गए कर्मी को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है. इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. जारी सूचना में बताया गया कि जिलाधिकारी द्वारा बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 (समय-समय पर यथा संशोधित) के नियम 14 (ix) के तहत आदेश निर्गत की तिथि से उक्त तत्कालिन लिपिक प्रखंड कार्यालय अकोढ़ीगोला सम्प्रति प्रखंड कार्यालय कोचस को वर्ष 2018 में शराब सेवन एवं शराबबंदी लागू नियमों के उलंघन के आरोप में अनिवार्य सेवानिवृति की कार्रवाई की गई. इस मामले में पूर्व में विभागीय कार्रवाई भी चल रही थी। विभागीय कार्रवाई के संचालन पदाधिकारी के द्वारा आरोप को सत्य पाया गया.

जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी पुष्कर कुमार ने बताया कि संतोष कुमार सिंह का नियुक्ति 28 अक्टूबर 1994 को हुई थी. वे कैमूर जिला के मोहनिया थाना अतंर्गत पकड़िहार गांव के निवासी हैं. मामला 2018 का है जब संतोष कुमार सिंह अकोढ़ीगोला प्रखंड कार्यालय में लिपिक के रूप में कार्यरत थे, तब वे शराब सेवन के आरोपी बनाए गए थे. उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की गयी थी, जिसमें विभागीय कार्यवाही के संचालन पदाधिकारी के द्वारा आरोप सत्य पाया गया है. आरोप सत्य पाए जाने के बाद जिलाधिकारी द्वारा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत कर दिया गया.

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