मुख्य सचिव के निर्देश पर रोहतास जिले में बुधवार को डीएम सहित सभी अधिकारियों ने अपने निर्धारित क्षेत्र का निरीक्षण किया. जिले के 19 प्रखंडों में 56 पंचायतों में सुबह से ही सभी अधिकारी अपने-अपने निर्धारित क्षेत्र में जाकर विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केंद्र सहित सभी योजनाओं का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने शिक्षक की भूमिका में बच्चों से पढ़ाई से संबंधित जानकारी भी ली.
डीएम धर्मेंद्र कुमार ने चेनारी प्रखंड के बनौली पंचायत में संचालित विभिन्न योजनाओं की जांच की. इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनी तथा संबंधित अधिकारियों को उसके निष्पादन का निर्देश दिया. इसके पहले उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चेनारी का निरीक्षण किया, जहां अनुपस्थित प्रभारी एवं डॉक्टरों के साथ सिविल सर्जन रोहतास का वेतन रोकते हुए कारण पृच्छा किया गया. डीएम मध्य विद्यालय मल्हर पहुंच बच्चों से बात की. उन्होंने छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति, भवन की स्थिति, शौचालय, पेयजल, बिजली, ड्रेस, किताब, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना, साइकिल, मध्याह्न भोजन, शिक्षा की गुणवत्ता सहित सभी सेवाओं की जानकारी ली.
उन्होंने हर घर नल का जल योजना की स्थिति का जायजा लिया. जिसमें वार्ड संख्या-एक में आईआईटी डिवाइस नहीं पाया गया. इसके बाद हर घर तक पक्की नाली गली योजना की स्थिति एवं रख-रखाव तथा सड़क की स्थिति का जायजा लिया. पीडीएस में खाद्यान्न भंडार का निरीक्षण, खाद्यान्न की गुणवत्ता, खाद्यान्न का वितरण एवं पीओएस सिस्टम का निरीक्षण तथा आंगनबाडी केंद्रों पर कर्मी और बच्चों की उपस्थिति, भवन, शौचालय, बिजली, पोषण कार्यक्रम, गर्भवती, कुपोषित और कम वजन के बच्चों के लिए पूरक पोषाहार, यूनिफॉर्म, प्री-स्कूल लर्निंग एवं अन्य सुविधाएं की जानकारी ली. डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्र व मध्य विद्यालय मल्हार तक पहुंच पथ की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु अंचलाधिकारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा को निर्देश दिया.
डीएम ने आवास योजना, भू-राजस्व मामला, जमीन म्यूटेशन आदि की भी जानकारी ली तथा मनरेगा की योजना तथा पोखर का भी निरीक्षण किया. वहीं, पूरे जिले में अधिकारियों की जांच में सबसे अधिक स्थिति खराब थी तो वह स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनबाड़ी केन्द्र उसके बाद हर घर नल-जल योजना की. निरीक्षण के दौरान पंचायत के मुखिया आधिकारियों के आगे पीछे दौड़ते नजर आए. दिन भर अदाधिकारियों के फील्ड में रहने के कारण जिला मुख्यालय में सन्नाटा पसरा रहा. गांवों में ग्रामीणों के बीच योजनाओं की जांच की चर्चा होती रही.