रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित जिला कृषि कार्यालय में गुरुवार को दोपहर में अचानक हड़कंप मच गया. इस हड़कंप से जिला कृषि कार्यालय में भागदौड़ मच गई. शुरू में तो इस अफरातफरी तथा भाग-दौड़ का किसी को कुछ पता ही नहीं चला. पांच मिनट के बाद इसका खुलासा हुआ कि डीएम अचानक बिना किसी को कुछ बताए जिला कृषि कार्यालय पहुंचकर निरीक्षण कर रहे हैं.
डीएम ने पहले खुद जिला कृषि कार्यालय में स्थित सभी कार्यालयों का बारी-बारी से निरीक्षण किया. इसके बाद स्वयं सभी कर्मियों का हाजरी लेने लगे. कार्यालय में गंदगी को देख डीएम भड़क गए. उन्होंने कर्मियों को बुलाया तथा कार्यालय की व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर लाइसेंस की शिकायत मिली है, इसकी जांच कराई जा रही है. जांच में पदाधिकारी किसान के पास जाकर जानकारियां लेंगे. उन्होंने एक शब्द में कहा कि अगर कहीं से भी कोई शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी.
विशेष कार्य पदाधिकारी सौरभ आलोक ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला के साथ सहायक अनुसंधान पदाधिकारी की टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है, जो दिन में एक बजे तक अनुपस्थित थे. इस संबंध में डीएम द्वारा निर्देश दिया गया कि सचिव कृषि विभाग, बिहार पटना को इस आशय से अवगत कराया जाए. निरीक्षण के दौरान जिला कृषि कार्यालय के लिपिक अभय कुमार-2, परिचारी राजू कुमार गुप्ता, निलंबित लिपिक अब्जुर कलाम अनुपस्थित पाए गए. डीएम ने इन कर्मियों से कारणपृच्छा करते हुए तत्काल प्रभाव से उनके वेतन एवं जीवन निर्वाह भत्ता के निकासी पर रोक लगा दी गई है.
साथ ही नए उर्वरक, कीटनाशक, बीज दुकानों के लाईसेंस हेतु आमजनों से प्राप्त शिकायतों के आलोक में कम्प्युटर ऑपरेटर सुजीत कुमार एवं कार्यपालक सहायक राजन कुमार से कारणपृच्छा करते हुए उनके वेतन निकासी पर रोक लगा दी गई है. इस संबंध मे सहायक निदेशक, जिला उद्यान को निर्देश दिया गया कि गत एक माह मे नए उर्वरक, कीटनाशक, बीज दुकानों के लाईसेंस हेतु प्राप्त आवेदन एवं निर्गत लाईसेंस की सूची उपलब्ध करायें जिसकी स्थलीय जांच कराई जायेगी.
जिला कृषि कार्यालय परिसर में साफ-सफाई का अभाव, कर्मियों का पहचान पत्र, पदनाम पट प्रदर्शित नहीं था एवं कर्मियों मे कार्यालय संस्कृति का अभाव पाया गया. इस संबंध में कृषि कार्यालय अंतर्गत जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक जिला उद्यान, सहायक निदेशक भूमि संरक्षण, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण एवं अन्य पदाधिकारियों से कारणपृच्छा करते हुए उनके वेतन निकासी पर रोक लगा दी गई है. साथ ही निर्देश दिया गया कि चार दिनों के अंदर कार्यालय मे पाई गई सभी त्रुटियों का निराकरण करना सुनिश्चित करेंगे.