रोहतास में डीएम के औचक निरीक्षण का असर, दरिगांव एपीएचसी में पहली बार गूंजी नवजात की किलकारी, मां को किया गया सम्मानित

सासाराम प्रखंड के दरिगांव पंचायत स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहली बार संस्थागत प्रसव द्वारा नवजात की किलकारी गूंजी है. करसेरुआ पंचायत के सकाश गांव निवासी सोनू कुमारी की पत्नी रेशमा देवी ने गुरुवार की रात एक बच्ची को जन्म दिया. बच्ची का नाम प्रीतम कुमारी रखा गया है. यह खबर जैसे हीं दरिगांव व उसके आसपास के इलाकों में फैली चारों ओर हर्षोल्लास का माहौल छा गया है.

स्थानीय लोगों ने इसे ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सुखद घटना बताया. क्षेत्र के वृद्धजनों ने कहा कि देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात पहली बार इस दुर्गम क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में संस्थागत प्रसव सम्पन्न हुआ है, जो आने वाले समय में इस इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित होगा. डीएम के निर्देश पर डॉक्टर व कर्मियों ने बच्ची की मां को अंगवस्त्र देखर सम्मानित किया है.

उक्त सूचना को पाकर डीएम धर्मेंद्र कुमार ने नवजात शिशु को आशीष एवं उसके माता पिता को बधाई दी है. उन्होंने अपने संदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दरिगांव के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार, बीसीएम ममता कुमारी एवं सभी कर्मियों को भी बधाई देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार से स्थानीय निवासियों को तत्परता एवं संवेदनशीलता से चिकित्सकीय एवं उपचार सेवाएं प्रदान करते रहने का निर्देश दिया.

विदित हो कि सदर अस्पताल कैंपस स्थित सदर पीएचसी के दरिगांव में स्थानांतरण के बाद भी डॉक्टर व कर्मी सदर पीएचसी में ही ड्यूटी के नाम पर गायब रहते थे. जिसके बाद डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कार्रवाई करते हुए सदर पीएचसी के सभी डॉक्टर व कर्मियों के वेतन पर रोक लगा दी. जिसके बाद कुछ दिन पूर्व सदर पीएचसी को अतिरिक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र दरिगांव में पूरी तरह शिफ्ट किया गया.

डीएम ने बीते 29 जून को उक्त अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया था तथा सिविल सर्जन एवं चिकित्सक प्रभारी को निर्देश दिया था कि दरिगांव जैसे भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम क्षेत्र में संस्थागत प्रसव तथा स्थानीय लोगों के अच्छे उपचार की सारी व्यवस्थाएं 24 घंटे अचूक रूप से उपलब्ध कराईं जाएं.


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