रोहतासगढ़ किला परिसर में राजकीय महोत्सव का हुआ आयोजन; नृत्य, गीत व धुनों की हुई जुगलबंदी, डीएम बोले- पर्यटन व वनवासियों की संस्कृति को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व से समृद्ध रोहतासगढ़ किला पर राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा पहली बार वनवासी कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने किया. डीएफओ प्रद्युम्न गौरव, वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष गोविंद नारायण सिंह, डेहरी एसडीएम समीर सौरभ, वरीय उप समाहर्ता अनु कुमारी, प्रवीण चंदन, रश्मि कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि कैमूर पहाड़ी के ऊपर बसे आदिवासी परिवार के लोग इस भौतिकता वादी व्यवस्था में भी अपनी प्राचीन परंपरा को जीवंत रखे हुए है. कई पुस्तकों में वर्णित है कि रोहतासगढ़ किला जनजातियों का उद्भव स्थल है. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम माघ पूर्णिमा को विगत 16 वर्षो से होता आया है. आगे माघ पूर्णिमा को ही यह कार्यक्रम होगा. महोत्सव के माध्यम से स्थानीय कलाकारों, स्थानीय कला-संस्कृति एवं लोक कला को एक व्यापक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कैमूर पहाड़ी क्षेत्र को विकसित करने के लिए कई कार्य किए जा रहे है. अगले माह से रोपवे निर्माण शुरू होगा. यहां के प्रति नकारात्म माहौल पहले जो था अब समाप्त हो गया है. अब सैलानियों का आना-जाना प्रारंभ हो गया है, जिससे रोजगार का सृजन होगा. कहा कि अपने मूल संस्कृति के साथ जीवन जीना ही सुखी जीवन है. इसलिए संस्कृति की रक्षा करते हुए जीवन जीए. उन्होंने कहा कि वनवासी कल्याण महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति की रक्षा के साथ ही रोहतासगढ़ किला तथा उसके आसपास के सुरम्य क्षेत्रों व गांवों में पर्यटन का विकास करना है. कहा कि वन उत्पादों की बिक्री हेतु राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थानीय उत्पादों, कलाकृतियों को प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाएगा तथा पर्यटन के माध्यम से रोजगार का सृजन भी होगा.

डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने कहा कि यह कार्यक्रम किला के गौरव को पुनर्जीवित करने का कार्य करेगा. पर्यटन को विकसित करने में सभी विभाग लोग लगे है. गोविंद नारायण सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से अब इस क्षेत्र का विकास निश्चित होगा. अपनी परंपरा को संजोए रखे. इसके पूर्व डीएम धर्मेंद्र कुमार, डीएफओ प्रद्युम्न गौरव, वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष गोविंद नारायण सिंह ने प्रखंड मुख्यालय रोहतास से 35 किलोमीटर की रॉयल एनफील्ड बुलेट सफारी को हरी झंडी दिखाकर विदा किया. फिर स्वयं ही बुलेट चलाकर रेहल तक उसका हिस्सा रहे.

किला परिसर में चौरासन मंदिर से युवाओं और युवतियों की संस्कृति रक्षा दौड़ आयोजित किया गया. साथ ही चित्रकला एवं अन्य खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई. उसके बाद मुख्य अतिथि और अन्य लोगो ने करम वृक्ष के पारंपरिक पूजा स्थल पर पहुंच कर नमन किया. उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. जिसमें आदिवासी नृत्य इत्यादि के आयोजन में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता दी गयी तथा उन कलाकारों द्वारा मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किया गया जो सबों को मंत्रमुग्ध करने वाला था. जहां पर वनवासियों के हक और हुकुक की भी बात हुई एवं मानर की थाप पर युवतियों ने नृत्य की प्रस्तुति दी. वन उत्पादों पर वनवासियों का हक पाने के लिए प्रशासन के सामने आहवान किया. मौके पर ही आदिवासी समाज के बैगा पाहन अर्थात स्थानीय पुजारियों को भी सम्मानित किया गया. महोत्सव स्थल पर वन संपदाओं का प्रदर्शनी भी लगाया गया था.

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