जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में ड्यूटी के दौरान ट्रक खाई में गिर वीरगति को प्राप्त हुए आर्मी के लांस नायक धर्मेंद्र कुमार सिंह उर्फ पप्पू का पार्थिव शरीर गुरुवार अहले सुबह में उनके पैतृक गांव मैधरा पहुंचा. सेना के वाहन से पार्थिव शरीर पहुंचते ही शहीद नायक की शव यात्रा निकाली गई. इस दौरान चारों तरफ धर्मेंद्र कुमार सिंह अमर रहें के नारे गूंजते रहे. वे बिक्रमगंज प्रखंड के मैधरा गांव निवासी रामप्रवेश सिंह के पुत्र थे. उनकी मौत 27 सितंबर को ड्यूटी के दौरान पंजाब के भटिंडा से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जाने के क्रम में कुपवाड़ा के गुगलधार में ट्रक खाई में गिरने से हो गई थी.
सूबेदार बलविंदर कुमार सिंह के नेतृत्व में जवान का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो सबकी आंखें नम हो गई. अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोग धक्कामुक्की करते रहे. एसपी आशीष भारती ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित कर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम सलामी दी. सूबेदार बलविंदर कुमार सिंह के नेतृत्व में आए जवानों ने सलामी देकर और फायरिंग कर अपने साथी की अंतिम विदाई दी. गांव के श्मशान घाट के पास अंतिम संस्कार किया गया. वहां उपस्थित सभी लोग भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गई. इस दौरान लोग धर्मेद्र कुमार सिंह अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाते रहे.
शहीद नायक की पत्नी रूबी और परिवार के अन्य लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. बताया जाता है कि शहीद के दो पुत्र 6 वर्षीय तेज प्रताप सिंह व 4 वर्षीय आर्यन सिंह है. उनके पिता रामप्रवेश सिंह काफी बीमार रहते है. धर्मेंद्र की नौकरी लगने से पिता और भाई बहन का आर्थिक बोझ कम हो गया था. बताया जा रहा है कि शहीद धर्मेंद्र कुमार सिंह 2008 में भारतीय सेना से जुड़े थे. तब से देश की सेवा में अनवरत तैनात रहे.