रोहतास में चाचर पुल से नहर पार के दौरान डूबने से किशोरी की मौत, ग्रामीण बोले- कंक्रीट पुल से नहीं होता हादसा; विधायक के सवाल पर मंत्री ने कहा था तकनीकी रूप से पुल का निर्माण संभव नहीं

रोहतास जिले के नोखा थाना क्षेत्र के महाराजगंज गांव के पास चाचर पुल पार करते समय बुधवार शाम एक किशोरी असंतुलित होकर नहर में गिर गई. एक दिन बाद गुरुवार को किशोरी का शव दिनारा के कूड गांव के पास से बरामद किया गया है. मृतक किशोरी महारजगंज गांव निवासी मुन्ना कुमार चौधरी की 16 वर्षीय प्रियंका कुमारी बताई जाती है.

बताया जा रहा है कि चौसा नहर पर बने चाचर पुल पार करते समय प्रियंका कुमारी का संतुलन बिगड़ गया और नहर में गिर गई. मौके पर मौजूद बच्चों ने देखा तो शोर मचाया. जिसके बाद ग्रामीण खेत से दौड़ते हुए नहर में पहुंचे और खोजबीन शुरु कर दिया, लेकिन नहर में तेज बहाव होने के कारण सफलता नहीं मिली. ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना एवं सीओ को दी. पुलिस-प्रशासन ने पानी कम करने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा और शव की खोजबीन जारी रही. गुरुवार की सुबह में भानस थाना क्षेत्र के कुंड गांव के पास किशोरी का शव मिला. भानस थाना की पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है. किशोरी की मौत पर घर में कोहराम मच गया.

बताते हैं कि मृतका ने इसी साल मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. उनका कहना है कि अगर नहर पर चाचर पुल की जगह पर कंक्रीट पूल बना रहता तो यह हादसा नहीं होता. बताया कि हर वर्ष बरसात के समय में घटना हो जाती है. जिसकी स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांग की गई, लेकिन सभी तक पूल का निर्माण नहीं किया गया. वही, ग्रामीणों की मांग पर नोखा विधायक अनीता देवी ने 24 जुलाई 2019 को विधानसभा में तराकित प्रश्न संख्या 2960 में जल संसाधन मंत्री से महाराजगंज में नहर पर पुल निर्माण को लेकर सवाल किया था. कहा गया था कि आम लोगों को आवागमन बाधित होती है.

जिस पर 2019 में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने जवाब देते हुए कहा था कि नोखा महाराजगंज गांव चौसा नहर के 9.05 किलोमीटर पर अवस्थित है. जहां पर नहर का जलस्राव 1250 क्यूसेक है. चौसा नहर के 8.45 किलोमीटर कृष्णापुर एवं 9.5 किलोमीटर पर बड़कागांव-सिसिरित पुल पूर्व से निर्मित है. निर्धारित मापदंडों के अनुसार नहर का जलसराव 1000 क्यूषेक से 5000 क्यूषेक के बीच रहने पर दो पुलों के बीच न्यूनतम दूरी 2.40 किलोमीटर निर्धारित है. जबकि प्रस्तावित पुल के निर्माण हो जाने से यह दूरी 600 मीटर और 900 मीटर रह जाएगी. उक्त तथ्यों के आलोक में पुल निर्माण किया जाना तकनीकी कारणों से संभव नहीं बताई गई थी. बता दे कि गत वर्ष चाचर पुल से नहर पार करने के दौरान एक महिला नहर में गिर गई थी, जिसे ग्रामीणों ने बचाया था.

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