रोहतास में श्रम विभाग के प्रधान सचिव ने की समीक्षा बैठक, बोले- प्रतिष्ठानों से बाल श्रमिकों को करें विमुक्त, दो ITI नए सत्र से बनेंगे सेंटर ऑफ एक्सिलेंस

रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित समाहरणालय के संवाद कक्ष में बुधवार को श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी द्वारा श्रम विभाग, नियोजन विभाग एवं आईटीआई के प्राचार्यों आदि के साथ समीक्षा बैठक की गई. उक्त बैठक में डीएम धर्मेन्द्र कुमार एवं डीडीसी शेखर आनंद भी शामिल हुए. श्रम विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही सभी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई.

नियोजन विभाग के तहत चलाई जा रहे सभी 64 कौशल विकास केंद्रों के परफॉर्मेंस की समीक्षा की गई. बैठक में जानकारी दी गई कि जिले के 5 आईटीआई में से कम से कम दो को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिन्हें इसी वर्ष सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में प्रारंभ करने का निर्देश प्रधान सचिव ने दिया. बैठक में प्रधान सचिव ने कहा कि यदि किसी भी दुकान, प्रतिष्ठान, होटल, ढाबा, मोटर गैराज आदि में कोई भी बाल श्रमिक नियोजित पाया जाता है, तो उस बाल श्रमिकों को नियमानुसार विमुक्त करा कर उनके मालिकों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करें.

सभी नियमों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए उनसे प्रति बाल श्रमिक 20 हजार की राशि वसूल कर जिला बाल श्रमिक पुनर्वास में जमा कराएं. यदि नियोजक 20 हजार की जुर्माना राशि जमा राशि जमा नहीं कराते हैं तो ऐसे नियोजकों पर अलग से एक सर्टिफिकेट केस दायर करें. श्रम अधीक्षक को गठित धावादल के माध्यम से जिले के सभी प्रखंडों में बारी बारी से लगातार निरीक्षण की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक में श्रम अधीक्षक के द्वारा जानकारी दी गई कि विभागीय निर्देश के आलोक में 28 मई से 9 जून तक जिले के अलग-अलग खंडों में टीम बनाकर धावादल का संचालन किया जा रहा है.

बैठक में डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करें कि रोहतास जिले के 14 वर्ष की आयु से कम के सभी बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन उनके आवास के निकटवर्ती विद्यालय में हो तथा यह भी मॉनिटरिंग करें कि सभी बच्चे नियमित रूप से विद्यालय जाएं. डीएम द्वारा बाल श्रम उन्मूलन तथा किशोर श्रम निषेध एवं विनियमन हेतु राज्य कार्य योजना 2017 के प्रावधानों के तहत जिला स्तरीय टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक 7 जून को निर्धारित की गई है. डीएम ने निर्देशित किया कि जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में बाल श्रम के विरुद्ध विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं तथा जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाए.

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