रोहतास में जनता के लिए हो रहे कामों की श्रेय लेने की होड़ मची है. यहां 16 माह के भीतर एक ही सड़क का दो बार शिलान्यास कर दिया गया. दरअसल जदयू से करगहर विधानसभा के विधायक रहे वशिष्ठ सिंह ने 22 सितंबर 2020 में उक्त सड़क का शिलान्यास किया था. उसके बाद वे चुनाव हार गए. 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत कर कांग्रेस पार्टी के सीट पर करगहर के विधायक से बने विधायक संतोष कुमार मिश्रा ने उसी सड़क का शिलान्यास शनिवार को दोबारा कर दिया. अब दोनों ही जनप्रतिनिधि इस सड़क निर्माण का क्रेडिट लेने में जुटे हैं.
बता दें कि अचानक चर्चा में आई यह सड़क का करगहर राजवाहा को रीवां से जोड़ती है. जिसकी लंबाई लगभग छह किलोमीटर है. जहां गत वर्ष उक्त पथ व स्थल पर ही तत्कालीन विधायक वशिष्ट सिंह ने शिलान्यास किया था. जिसकी शिला पट्टी को किसी ने हटा दी है. दोनों विधायको द्वारा किए गए शिलान्यास के समय लगाए गए शिलापट्ट पर एक हीं योजना का नाम अंकित है. दोनों शिलापट्टों में सड़क की लंबाई भी समान है. बस प्राक्कलित राशि में अंतर है. पूर्व विधायक वशिष्ठ सिंह द्वारा 22 सितंबर 2020 में किए गए शिलान्यास के शिलापट्ट में प्राक्कलित राशि 4 करोड़ चौंसठ लाख तीस हजार रुपये है. जबकि, वर्तमान विधायक संतोष मिश्रा द्वारा 15 जनवरी 2022 को किए गए शिलान्यास के शिलापट्ट में 4 करोड़ 36 लाख 662 हजार रुपये अंकित है.
बताया जा रहा है कि एक वर्ष पूर्व भी वर्तमान विधायक संतोष मिश्रा ने निवर्तमान विधायक वशिष्ठ सिंह द्वारा करगहर विधान सभा क्षेत्र के हीं पिपरा मोड़ से पिपरा टोला तक के सड़क निर्माण के लिए किए गए शिलान्यास के फिर से उसी सड़क का शिलान्यास कर दिया था. वर्तमान विधायक संतोष मिश्रा ने तर्क दिया कि करगहर-रीवां पथ उनके प्रयास से नाबार्ड शीर्ष योजना के तहत चयनित हुआ. सड़क का डीपीआर तैयार होने के बाद प्रशासनिक स्वीकृति, फिर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही नियमानुकूल मेरे द्वारा शिलान्यास किया गया है. जगजाहिर है कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह के शिलान्यास हमेशा से होते रहे है. विधायक ने कहा कि करगहर विधान सभा के चौमुखी विकास के लिए मेरे द्वारा किया जा रहा कार्य प्रक्रियापूर्ण है. सड़क के निर्माण पर 4 करोड़ 36 लाख 662 लाख रुपये खर्च होंगे.
वहीं, जदयू के पूर्व विधायक बशिष्ठ सिंह ने बताया कि उक्त पथ में निर्माण कार्य प्रारंभ करने को लेकर विधानसभा में कई बार आवाज उठाई थी. उन्होंने बताया कि शिला पट्टी को तोड़कर दोबारा शिलान्यास करना प्रजातांत्रिक मूल्यों का हनन है. कहा कि 6 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य के लिए 4 करोड़ 64 सोलह 30 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई तथा कार्य प्रमंडल सासाराम को कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया था. गत वर्ष मैंने उक्त पथ का शिलान्यास किया था. इस बीच कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के तहत कार्य प्रारंभ नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि उक्त पथ में विगत दो माह से कार्य चल रहा है. मिट्टी करण का कार्य पूरा कर नाला निर्माण का कार्य किया जा रहा है. इसके बावजूद भी उक्त सड़क का दोबारा शिलान्यास कराना न्यायोचित नहीं है.