रोहतास में एनएच पर तेज गति से गाड़ी चलाना पड़ेगा महंगा, आधुनिक उपकरण से लैस इंटरसेप्टर वाहन को एसपी ने किया रवाना

रोहतास सहित चार जिलों में एनएच पर चालक सड़कों पर वाहन चलाने वक्त की गति पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे वाहन चालकों पर अब यातायात पुलिस के इंटरसेप्टर वाहन नकेल कसेंगे. अब ऐसे वाहनों को इंटरसेप्टर स्कैन करेगा और ई-चालान घर पहुंच जाएगा. इंटरसेप्टर किसी व्यक्ति या रोबोट का नाम नहीं है. बल्कि तकनीकी सुविधाओं से लैस चार पहिया गाड़ी है.

मुख्यालय द्वारा रोहतास यातायात पुलिस को दो इंटरसेप्टर वाहन दिए गए हैं. इसी के जरिए एनएच-2 एवं एनएच-31 पर वाहनों के मेंटीनेंस, ड्रिकिग व वाहन की रफ्तार को स्कैन किया जाएगा. साथ ही कानफोड़ू प्रेशर हार्न बजाकर गुजरने वाले वाहनों पर लगाम कसी जाएगी. दोनों वाहनों को एसपी आशीष भारती ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

एसपी ने बताया कि इंटरसेप्टर मशीन के द्वारा ओवर स्पीड वाहनों की जांच की जाएगी. इस मशीन की खासियत यह है कि यह ऑटोमेटिक वाहनों की रफ्तार को डिटेक्ट करेगा. इसके अलावा अगर वाहन में तेज आवाज, प्रेशर हॉर्न बजाया जा रहा है और उससे साउंड पॉल्यूशन हो रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. इस मशीन में लगे स्पीड राडार गन के माध्यम से तत्काल वाहन का नंबर कैच हो जाएगा और उस पर चालान की कार्रवाई की जाएगी.

एसपी ने बताया कि इनमें से एक वाहन एनएच-2 के वाहनों पर नजर रखेगा. यह वाहन औरंगाबाद, रोहतास से लेकर कैमूर तक तीन जिलों से गुजर रहे फोरलेन पर वाहनों की गति पर नजर रखेगा. दूसरा वाहन आरा-मोहनियां एनएच 31 पर तीन जिलों भोजपुर, रोहतास एवं कैमूर में वाहनों की रफ्तार पर नजर रखेगा.

बता दें कि मारूति अर्टिगा कंपनी के इंटरसेप्टर वाहन में चालक सहित चार लोगों के बैठने की जगह है. वहीं, पीछे की ओर स्पीड गन के साथ ही प्रिंटर और एक यूपीएस इंस्टाल किया गया है. यूपीएस को चार्ज करने के लिए कार की छत पर एक सोलर पैनल लगाया गया है. वहीं वाहन के सामने की तरफ बेकान लाइट लगी हुई है. एक वाहन की कीमत करीब 12 लाख रुपये है. 

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